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जम्मू कश्मीर में गुरुवार को अमेरिका के राजदूत केनेथ आई जस्टर सहित 16 देशों के राजनयिक दो दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं। जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद से किसी भी देशों के राजनयिकों का यह पहला दौरा होगा। हालांकि इस पहले अक्टूबर महीने में यूरोपीय संसद के 27 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल कश्मीर का दौरा कर चुका है।
सोलह देशों के राजनयिक पहले दिल्ली से हवाई मार्ग से श्रीनगर पहुंचेंगे। इसके बाद वे वहां से जम्मू जाएंगे। जहां वे उप राज्यपाल जी सी मर्मू के साथ ही नागरिक समाज के लोगों से भी मुलाकात करेंगे।
इसमें ब्राजील, उज्बेकिस्तान, नाइजर, नाइजीरिया, मोरक्को, गुयाना, अर्जेंटीना, फिलीपींस, नॉर्वे, मालदीव, फिजी, टोगो, पेरू के साथ ही पड़ोसी देश बांग्लादेश के राजनयिक भी शामिल हैं। विदेशी राजनयिकों का यह दल कश्मीर में पूरे दो दिन रहेगा।
इसके अलावा अधिकारियों ने बताया कि ब्राजील के राजनयिक आंद्रे ए कोरिये डो लागो के को भी जम्मू-कश्मीर का दौरा करना था। लेकिन उन्होंने यहां अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के चलते दौरे पर नहीं जाने का फैसला किया।
बताया जा रहा है कि यूरोपीय संघ के देशों के प्रतिनिधियों ने किसी अन्य तिथि पर केंद्र शासित प्रदेश का दौरा करने की बात कही है। इससे पहले उन्होंने फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती से मुलाकात करने की इच्छा जताई है।
भारत द्वारा उठाये जा रहे इस कदम से कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के दुष्प्रचार को ध्वस्त करने में मदद मिलेगी। भारत ने पी-पांच देशों और विश्व के सभी देशों की राजधानियों से संपर्क कर अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त करने के निर्णय पर अपना मत रखा था।
इससे पहले धारा370 हटने के बाद यूरोपीय संघ के 23 सांसदों के शिष्टमंडल को जम्मू-कश्मीर का दो दिवसीय दौरे पर ले जाया जा था। इसे सरकार ने निजी दौरा बताया था।
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