Sunday - 7 January 2024 - 5:29 AM

मंदिर निर्माण की बाधाओं को चंद मिनट में दूर करने के निर्णय हो रहे हैं और मस्जिद निर्माण के लिए इंतजार

  • सरकारी विभागों की उदासीनता से लटका है अयोध्या में धन्नीपुर मस्जिद का निर्माण..
  • बाधाओं को दूर करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है इंडो इस्लामिक कल्चरल फांउडेशन..

ओम प्रकाश सिंह

अयोध्या। राम मंदिर बाबरी मस्जिद विवाद में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मंदिर निर्माण पूरा होने में बस चंद दिन शेष हैं। वहीं दूसरी तरफ मस्जिद व उससे जुड़ी अन्य परियोजनाओं के निर्माण के लिए अयोध्या मस्जिद ट्रस्ट को सरकारी विभागों की हरी झंडी का इंतजार है। बाधाएं दूर ना हुईं तो ट्रस्ट अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है।

अयोध्या मस्जिद ट्रस्ट ने लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व नक्शा पारित करने के लिए विकास प्राधिकरण में आवेदन किया था। पंद्रह जुलाई को प्राधिकरण ने सात सरकारी विभागों को पत्र जारी कर अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा।

इन विभागों में नागरिक उड्डयन विभाग, प्रदूषण विभाग, बाढ़ नियंत्रण विभाग, लोक निर्माण विभाग, तहसील प्रशासन, नगर निगम व अग्निशमन विभाग शामिल हैं। अग्निशमन विभाग ने मौके का निरीक्षण कर अयोध्या मस्जिद ट्रस्ट को सूचित किया है कि मस्जिद निर्माण स्थल तक जाने के लिए 12 मीटर चौड़ी सड़क होनी चाहिए तभी वह नोड्यूज देगा जबकि अन्य विभाग अभी तक मौके पर पहुंचे ही नहीं हैं।

अग्निशमन विभाग ने स्थलीय निरीक्षण किया गया, जिसमें उन्होंने पाया की मस्जिद और अस्पताल का जो नक्शा है और जिस ऊंचाई की इमारत बनेगी उसके लिए जरूरी है कि अप्रोच रोड 12 मीटर की हो।

मौके पर दोनों अप्रोच रोड 6 मीटर से ज्यादा नहीं है बल्कि मुख्य मार्ग की चौड़ाई लगभग 4 मीटर ही है। एप्रोच रोड की चौड़ाई कम होने की वजह से अग्निशमन विभाग ने अपनी अनापत्ति होल्ड कर ली है।

अग्निशमन विभाग ने अपने पत्र में बताया की 12 मीटर की एप्रोच रोड होने पर ही अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया जा सकता है। ऐसे में जबतक अनापत्ति प्रमाणपत्र नही मिल जाता तब तक इस प्रोजेक्ट को शुरू नही किया जा सकता है।

मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले अयोध्या वर्डिक्ट में यह आदेश दिया था कि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर दी जाए। जिसके बाद प्रशासन ने मस्जिद के लिए यह भूमि अयोध्या से 27 किलोमीटर दूर सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव में ट्रस्ट को दिया था। इस जमीन पर मस्जिद के अलावा अस्पताल, कम्युनिटी किचन और रिसर्च सेंटर का निर्माण होना है।

सरकार व सरकारी विभागों की उपेक्षा से आहत अयोध्या मस्जिद ट्रस्ट के ट्रस्टी अरशद अफजाल खान आहत नजर आते हैं। उन्होंने कहा कि एकसमान फैसले के बाद भिन्नता को खुद समझा जा सकता है।

मंदिर निर्माण की बाधाओं को चंद मिनट में दूर करने के निर्णय हो रहे हैं और मस्जिद निर्माण के लिए इंतजार कराया जा रहा है। बाधाएं दूर ना हुईं तो के सवाल पर अरशद खान ने कहा कि हम सरकार से गुजारिश करते हैं कि बाधाओं को दूर करे। अंतिम विकल्प के तौर पर अदालत का रास्ता ही बचता है।

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