
जुबिली न्यूज़ डेस्क
महिलाएं अपनी खूबसूरती को लेकर हमेशा सतर्क रहती हैं। इसके लिए वो तरह-तरह के ब्यूटी टिप्स को अपनाती हैं। वहीं इस समय बड़ी तेजी से फिश पेडीक्योर का चलन बढ़ा है।
महिलाएं पैरों की सेहत और सुंदरता बनाए रखने के लिए फिश पेडीक्योर की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रही हैं। पहले इसके बारें में सिर्फ विदेश के लोग जानते थे लेकिन अब यह धीरे धीरे भारत में भी पॉपुलर हो रहा है।
बता दें कि इस खास तरह के पेडीक्योर में मछली का प्रयोग किया जाता है, जिसे गारा रूफा या डाक्टर फिश के नाम से जाना जाता है। ये मछलियां दांत रहित होती हैं। परंपरागत रूप से तो पेडीक्योर में गर्म या गुनगुने पानी का प्रयोग किया जाता है। फिश पेडीक्योर में भी ऐसा ही होता है लेकिन इस पानी में मछलियां होती हैं। फिश पेडीक्योर द्वारा पैरों पर मौजूद मृत और भद्दी त्वचा को हटाया जा सकता है।
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फिश पेडीक्योर के दौरान मछलियां लगातार आपके पैरों को कुतरती रहती हैं और पैरों की मृत त्वता को चट कर जाती हैं। लगभग 30 मिनट के इस इलाज के परिणामस्वरूप आपको चिकनी और मुलायम पैर मिलते हैं।
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फिश पेडीक्योर करवाने से पैरों की स्किन मुलायम बनती है। साथ ही पैरों के दर्द से निजात मिलती है। वहीं एक्जिमा और सोरायसिस जैसी बीमारियों में फायदा होता है। लेकिन यह भी ध्यान रखने की जरुरत है कि जिनकी इम्युनिटी कमजोर है या फिर आप शुगर के मरीज हैं तो भी फिश पेडीक्योर करवाने की गलती न करें। फिश पेडीक्योर तभी सुरक्षित होते हैं जब उसे करवाते समय साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा गया हो।
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