जुबिली स्पेशल डेस्क
कोरोना के मामले फिर से रफ्तार पकड़ रहे हैं। लोगों को सलाह दी जा रही है कि वो अलर्ट रहे। पिछले कुछ हफ्तों से संक्रमण के मामलों में उछाल देखने को मिला है। पूरे देश में अब सक्रिय मरीजों की संख्या 3300 से ज्यादा हो गई है।
देश में कोविड-19 एक बार फिर चिंता का कारण बनता जा रहा है। बीते 24 घंटों में संक्रमण से चार लोगों की मौत हुई है -एक-एक मौत उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक और केरल में दर्ज की गई। इससे पहले एक दिन में सात मौतें हो चुकी हैं। 1 जनवरी 2025 से अब तक कुल 26 मौतें हो चुकी हैं।
राहत की बात ये कि 1435 मरीज ठीक होकर घर लौटे हैं। मौत के बढ़ते आंकड़े देखते हुए कई राज्यों ने सावधानी बरतने की सलाह जारी की है। साथ ही कोविड प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं। मास्क पहनें, हाथ धोते रहें, भीड़ से बचें — सतर्क रहें, सुरक्षित रहें!
ये हैं वो 8 राज्य जहां, 100 से अधिक मामले
- दिल्ली में 375 मामले हैं
- गुजरात में 265 मामले हैं
- कर्नाटक में 234 मामले हैं
- केरल में 1336 मामले हैं
- महाराष्ट्र में 467 मामले हैं
- तमिलनाडु में 185 मामले हैं
- पश्चिम बंगाल में 205 मामले हैं
- उत्तर प्रदेश में 117 मामले हैं
आम लोग क्या करें? सावधानी ही सुरक्षा है!
- मास्क ज़रूर पहनें – खासकर भीड़भाड़ वाली जगहों पर
- भीड़ से दूरी बनाए रखें – सोशल डिस्टेंसिंग को न भूलें
- हाथ धोने की आदत डालें – साबुन या सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें
- लक्षण हल्के हों तो भी सतर्क रहें – बुखार, खांसी को न करें नजरअंदाज़
- बूस्टर डोज़ ज़रूर लें – टीकाकरण ही सबसे बड़ा हथियार
- सरकार तैयार है, आप भी रहें तैयार!
केंद्रीय स्वास्थ्य और आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार कोरोना की किसी भी संभावित स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और आयुष मंत्रालय अलर्ट मोड में हैं, और सभी राज्यों में कोविड की स्थिति पर करीबी नजर रखी जा रही है।
मंत्री ने बताया कि पिछली कोविड लहरों से मिले अनुभवों के आधार पर सरकार ने तैयारियां तेज कर दी हैं। ऑक्सीजन प्लांट, आईसीयू बेड और जरूरी स्वास्थ्य सुविधाओं की समीक्षा की जा चुकी है, और देश की स्वास्थ्य प्रणाली किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
इसके अलावा, राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों, आयुष अधिकारियों और मंत्रियों से बातचीत करके यह सुनिश्चित किया गया है कि केंद्र और राज्य मिलकर काम करें, ताकि कोई भी संभावित संकट आसानी से संभाला जा सके।