जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ/ बकरीद से पहले उत्तर प्रदेश की राजनीति गर्मा गई है। कुशीनगर में यूपी के राज्यमंत्री राजेश्वर सिंह का एक बयान सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक विवाद और चिंता का विषय बन गया है। मंत्री ने मुस्लिम समुदाय को प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी को लेकर सीधा धमकी भरा संदेश दे डाला। राजेश्वर सिंह ने कहा,“अगर प्रतिबंधित पशु कटे, तो मुसलमान भी कटेंगे और कुशीनगर में खून की धारा बहेगी।”
योगी सरकार के मंत्री ने दी चेतावनी
कुशीनगर में 5 जून को एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए राजेश्वर सिंह ने कहा कि सभी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जन्मदिन पर यह संकल्प लेना चाहिए कि कोई भी प्रतिबंधित पशु — विशेषकर गाय, बछड़ा, ऊंट आदि — की कुर्बानी नहीं दी जाएगी।
उन्होंने आगे जोड़ा:“अगर किसी ने प्रतिबंधित पशु काटने की कोशिश की, तो उसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।” इस बयान के बाद से सोशल मीडिया पर #HateSpeech, #BanHatePolitics जैसे हैशटैग्स ट्रेंड कर रहे हैं।
क्या हैं नियम? सीएम योगी का निर्देश
बकरीद के अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं:
-
कुर्बानी सिर्फ पूर्व निर्धारित स्थलों पर ही दी जाए
-
सार्वजनिक स्थानों, सड़कों या धार्मिक स्थलों पर कुर्बानी पर प्रतिबंध
-
गाय और अन्य प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी पर पूरी तरह रोक
-
सोशल मीडिया पर कुर्बानी की तस्वीरें या वीडियो पोस्ट करने पर भी प्रतिबंध
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि त्योहार को शांति और सौहार्द के माहौल में संपन्न कराया जाए और कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
दिल्ली सरकार की भी सख्ती
दिल्ली सरकार ने भी बकरीद से पहले एडवाइजरी जारी की है जिसमें कहा गया है:
-
कोई भी अवैध पशु बिक्री या कुर्बानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी
-
गली-मोहल्लों या सड़क किनारे कुर्बानी देने वालों पर कानूनी कार्रवाई होगी
-
सोशल मीडिया पर धार्मिक भावनाएं आहत करने वाला कंटेंट साझा करने से बचें
दिल्ली के मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा,“पशु कल्याण का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। कोई त्योहार कानून तोड़कर नहीं मनाया जा सकता।”
विपक्ष ने उठाए सवाल
इस बयान पर विपक्ष ने जमकर हमला बोला है। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और AIMIM ने राजेश्वर सिंह पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया है। AIMIM नेता ने कहा:“ये बयान नफरत फैलाने वाला है। मुख्यमंत्री को तत्काल अपने मंत्री से इस्तीफा लेना चाहिए।”
क्या कहता है कानून?
भारतीय दंड संहिता की धारा 153-A के तहत धार्मिक समूहों के बीच वैमनस्य फैलाने वाले बयान अपराध की श्रेणी में आते हैं। इस आधार पर मंत्री पर कार्रवाई की मांग भी की जा रही है।
ये भी पढ़ें-‘अरेस्ट कोहली’ क्यों गूंजा सोशल मीडिया पर? जीत के बीच दिल दहलाने वाली खबर
बकरीद जैसे पवित्र पर्व के पहले इस तरह का बयान देना देश की सांप्रदायिक सौहार्द पर सवाल खड़ा करता है। जहां एक ओर सरकार शांति व्यवस्था बनाए रखने की बात कर रही है, वहीं सत्ता के ही एक मंत्री का ऐसा बयान राजनीतिक तापमान को बढ़ा सकता है।