जुबिली न्यूज डेस्क
अयोध्या: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन और रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान दिया। सीएम योगी ने कहा कि सनातन धर्म से ऊपर कुछ भी नहीं है और अयोध्या आज अपनी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान के साथ विश्व पटल पर स्थापित हो चुकी है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय ऐसा था जब ‘जय श्री राम’ कहने पर लाठी चलती थी। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने अयोध्या के साथ षड्यंत्र किया और पिछली सरकारों ने इस पवित्र नगरी को लहूलुहान कर दिया। सीएम योगी ने कहा कि जब स्वयं बजरंगबली अयोध्या की रक्षा कर रहे हों, तो यहां किसी आतंकी के घुसने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
सीएम ने कहा कि अयोध्या का नाम सुनते ही शांति और आस्था का भाव आता है, लेकिन कुछ कट्टर सोच के कारण इसे कभी संघर्ष और टकराव की भूमि बना दिया गया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि जब पीएम मोदी ने अयोध्या आकर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की, तो सदियों की गुलामी का कलंक मिट गया। इसके साथ ही उन्होंने 25 नवंबर को प्रधानमंत्री द्वारा राम मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराने की घटना का भी उल्लेख किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले अयोध्या में न बिजली की समुचित व्यवस्था थी, न पानी और न ही सुरक्षा। उन्होंने दावा किया कि पहले ‘जय श्री राम’ बोलने पर लाठियां चलती थीं, जबकि आज अयोध्या विकास और श्रद्धा का केंद्र बन चुकी है।
सीएम योगी ने यह भी कहा कि वर्ष 1528 से 1992 तक राम भक्तों ने लगातार संघर्ष किया, गोलियां और लाठियां झेलीं, लेकिन अपने संकल्प से पीछे नहीं हटे।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन दुनिया का सबसे बड़ा जनआंदोलन रहा है, जिसने भारत की सांस्कृतिक चेतना को नई दिशा दी।
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