जुबिली न्यूज डेस्क
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को विजयादशमी के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने विधि-विधान से पूजा अर्चनाकी। इस दौरान उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि रामायण और महाभारत काल की तरह आज भी समाज में राक्षसी प्रवृत्तियां मौजूद हैं।
“नाम बदले, प्रवृत्तियां वही रहीं”
सीएम योगी ने कहा कि परिस्थितियां बदल गई हैं, लेकिन नकारात्मक ताकतें अब भी हमारे बीच सक्रिय हैं। उन्होंने रामायण और महाभारत का उदाहरण देते हुए कहा—“ताड़का, मारीच और शूर्पनखा जैसी राक्षसी प्रवृत्तियां आज भी समाज को प्रभावित कर रही हैं। जो लोग जात-पात और छुआछूत के आधार पर समाज को बांटने का काम कर रहे हैं, वे इन्हीं प्रवृत्तियों के उत्तराधिकारी हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि जो लोग आज बेटियों के लिए खतरा हैं, वे अवश्य ही पूर्व जन्म में दुर्योधन और दुशासन जैसे चरित्रों से जुड़े रहे होंगे।
“सनातन धर्म को बांटने की कोशिश की गई”
सीएम योगी ने विपक्ष पर अप्रत्यक्ष निशाना साधते हुए कहा कि—
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सत्ता में रहते हुए कुछ लोगों ने भगवान राम और कृष्ण के अस्तित्व तक पर सवाल उठाए।
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उन्होंने सनातन धर्म को बांटने और भारत की विरासत को कमजोर करने का प्रयास किया।
योगी ने कहा कि सनातन धर्म केवल पूजा पद्धति नहीं, बल्कि सभी जीव-जंतुओं और पूरे ब्रह्मांड के कल्याण की गारंटी है।
“11 सालों में जागी जनता”
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते 11 सालों में भारत की जनता जाग चुकी है और देश अब विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने इसे राम राज्य जैसी स्थिति करार दिया, जहां विरासत और प्रगति का संगम देखने को मिल रहा है।
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आरएसएस की 100वीं वर्षगांठ का जिक्र
विजयादशमी के अवसर पर मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना के 100 साल पूरे होने पर भी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा— “आज दुनिया में किसी अन्य संगठन का ऐसा स्वरूप नहीं है। आरएसएस राजनीतिक ताकत से नहीं, बल्कि स्वयंसेवकों के कठिन परिश्रम, बुद्धिमत्ता और निस्वार्थ समर्पण से खड़ा हुआ है।”