जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने शनिवार को बड़ा दावा किया कि उनके पिता राम विलास पासवान वर्ष 2005 में बिहार में एक मुस्लिम नेता को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल (RJD) इसके लिए तैयार नहीं हुई।
चिराग ने अल्पसंख्यक समुदाय से अपील करते हुए कहा कि यदि वे “बंधुआ वोट बैंक” बने रहेंगे, तो उन्हें सम्मान और भागीदारी कभी नहीं मिल पाएगी।
“राजद तब भी तैयार नहीं थी, आज भी नहीं है”: चिराग पासवान
चिराग पासवान ने विधानसभा चुनाव से पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा,“2005 में मेरे पिता, स्वर्गीय राम विलास पासवान जी ने मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाने के लिए अपनी पार्टी की कुर्बानी दे दी थी । तब भी आपने उनका साथ नहीं दिया। राजद 2005 में भी मुस्लिम मुख्यमंत्री के लिए तैयार नहीं थी, और आज 2025 में भी न मुस्लिम मुख्यमंत्री देने को तैयार है, न उपमुख्यमंत्री।”
उन्होंने आगे कहा कि अगर अल्पसंख्यक समुदाय सिर्फ “वोट बैंक” बना रहेगा, तो सम्मान और हिस्सेदारी पाना मुश्किल रहेगा।

भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने किया समर्थन
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने चिराग पासवान के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा,“यह सच है कि 2005 में राम विलास पासवान ने लालू प्रसाद यादव से मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाने की मांग की थी, लेकिन उनके इनकार के चलते सरकार नहीं बन सकी।”
शाहनवाज हुसैन ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि “2025 में भी राजद ने न मुस्लिम मुख्यमंत्री का नाम दिया है, न उपमुख्यमंत्री का। यह वही पार्टी है जो अल्पसंख्यकों की हितैषी होने का दावा करती है।”
2005 का राजनीतिक घटनाक्रम
वर्ष 2005 में बिहार विधानसभा चुनाव दो बार हुए थे। फरवरी में हुए पहले चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था।
- राजद 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी,
- जद(यू)-भाजपा गठबंधन को कुल 92 सीटें मिलीं,
- लोजपा ने 29 और कांग्रेस ने 10 सीटें जीतीं।
उस वक्त राम विलास पासवान ने साफ कहा था कि वे केवल उसी सरकार को समर्थन देंगे, जो मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाए। लेकिन सहमति न बनने पर सरकार गठित नहीं हो सकी और राज्य में अक्टूबर–नवंबर में दोबारा चुनाव कराए गए।
दूसरे चुनाव में राजग (NDA) ने स्पष्ट बहुमत हासिल किया —
- जद(यू) ने 88 सीटें,
- भाजपा ने 55 सीटें जीतीं।
वहीं, राजद को 54 और लोजपा को 19 सीटें मिलीं। कांग्रेस सिर्फ एक सीट तक सिमट गई।
चिराग पासवान का यह बयान ऐसे समय आया है जब बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव का माहौल गर्म हो रहा है।
उनका यह बयान न केवल अल्पसंख्यक वोट बैंक की राजनीति को नया विमर्श देता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि एनडीए और राजद के बीच अल्पसंख्यक नेतृत्व को लेकर नया विवाद उभर सकता है।
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