न्यूज डेस्क
राष्ट्रपति शी चिनफिंग की भारत यात्र से ठीक पहले चीन कश्मीर मुद्दे पर अपने पुराने रुख पर लौट आया है। कश्मीर को द्विपक्षीय मसला बताते हुए चीन ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान को बातचीत के जरिए इसका समाधान निकालना चाहिए।
गौरतलब है कि दो हफ्ते पहले इसी चीन ने कश्मीर मसले को लेकर संयुक्त राष्ट्र चार्टर और प्रस्तावों का राग अलापा था। वामपंथी शासन वाले पड़ोसी देश चीन का यह बयान ऐसे समय में भी आया है, जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान राष्ट्रपति चिनफिंग से मिलने मंगलवार को बीजिंग पहुंचे और उससे एक दिन से पाक सेना प्रमुख कमर बाजवा बीजिंग में मौजूद हैं।

चीन के विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने यहां प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राष्ट्रपति चिनफिंग की भारत यात्र के संबंध में किसी तरह की घोषणा नहीं की। चीनी अधिकारियों ने अनौपचारिक रूप से बताया कि राष्ट्रपति की यात्र के संबंध में बुधवार को बीजिंग और नई दिल्ली में एक साथ घोषणा की जाएगी।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और चिनफिंग की मुलाकात में कश्मीर मसला उठाए जाने से संबंधित सवाल पर विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता ने कहा कि कश्मीर पर चीन का रुख यह है कि भारत और पाकिस्तान को आपस में बातचीत के जरिए इस मसले को सुलझाना चाहिए।

बता दें कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद चीन ने अपना रुख बदलते हुए कहा था कि कश्मीर मसले का समाधान संयुक्त राष्ट्र चार्टर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के आधार पर निकाला जाना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में बंद कमरे में हुई बैठक और फिर संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी चीन इसी रुख पर कायम रहा था। भारत ने उसके बयान का कड़ा विरोध किया था।
अब गेंग के मंगलवार के बयान के साथ ही चीन अपने पुराने रुख पर लौट आया है। जानकारों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक वार्ता के लिए चिनफिंग की भारत यात्र को देखते हुए चीन के रुख में यह बदलाव आया है।
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