जुबिली स्पेशल डेस्क
लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची का प्रावधान लागू करने की मांग को लेकर बुधवार (24 सितंबर 2025) को लेह में प्रदर्शन हिंसक हो गया।
गुस्साई भीड़ ने CRPF की गाड़ी, पुलिस वैन और कई अन्य वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इसके बाद हालात काबू से बाहर हो गए।
भूख हड़ताल से शुरू हुआ आंदोलन
समाजसेवी सोनम वांगचुक ने 10 सितंबर को इन मांगों को लेकर भूख हड़ताल शुरू की थी। उनकी अपील पर लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर आए।
सरकार का पक्ष
गृह मंत्रालय ने इस मामले पर बयान जारी कर कहा कि लद्दाख के लोगों की आकांक्षाओं को लेकर पहले से ही उच्चाधिकार प्राप्त समिति (HPC) और उप-समिति लेह की एपेक्स बॉडी और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस से लगातार बातचीत कर रही है।
सरकार के अनुसार, संवाद प्रक्रिया के नतीजे भी सामने आए हैं —
- अनुसूचित जनजाति समुदाय के लिए आरक्षण 45% से बढ़ाकर 84% किया गया,
- परिषदों में महिलाओं को एक-तिहाई आरक्षण दिया गया,
- भोटी और पुरगी भाषाओं को आधिकारिक भाषा का दर्जा मिला,
- 1800 पदों पर भर्ती प्रक्रिया भी शुरू की गई।
गृह मंत्रालय ने कहा कि कुछ राजनीतिक उद्देश्य रखने वाले लोग संवाद प्रक्रिया को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। सोनम वांगचुक के मुद्दे पहले से ही HPC में चर्चा का हिस्सा हैं, लेकिन उन्होंने भूख हड़ताल जारी रखते हुए अरब स्प्रिंग और नेपाल आंदोलन जैसे उदाहरण देकर भीड़ को उकसाया।
मंत्रालय के अनुसार, 24 सितंबर की सुबह प्रदर्शनकारियों ने एक राजनीतिक दल के दफ्तर और सीईसी लेह के सरकारी कार्यालय पर हमला कर आगजनी की। सुरक्षा बलों पर हमले में 30 से अधिक जवान घायल हुए। हालात बिगड़ने पर पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई, जिसमें कुछ लोगों की मौत हुई। दोपहर तक स्थिति पर काबू पा लिया गया।
हिंसा और पुलिस कार्रवाई
गृह मंत्रालय ने बताया कि 24 सितंबर को सुबह करीब 11:30 बजे भीड़ ने एक राजनीतिक दल के दफ्तर और सरकारी कार्यालय पर हमला कर आगजनी की।
इस दौरान पुलिस वाहन भी जला दिया गया और करीब 30 से अधिक पुलिस व CRPF जवान घायल हुए। हालात बिगड़ने पर पुलिस को आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ी, जिसमें कुछ लोगों की मौत हुई। दोपहर 4 बजे तक स्थिति पर नियंत्रण पा लिया गया।
भड़काऊ बयानबाजी पर आरोप
सरकार ने हिंसा के लिए सोनम वांगचुक के बयानों को जिम्मेदार बताया। मंत्रालय के अनुसार, उन्होंने अपने संबोधन में अरब स्प्रिंग और नेपाल की जनरेशन-Z आंदोलन का हवाला देकर भीड़ को भड़काया। हालांकि, इसी दौरान उन्होंने भूख हड़ताल समाप्त करने की घोषणा भी कर दी।
सरकार का आश्वासन
गृह मंत्रालय ने दोहराया कि केंद्र सरकार लद्दाख की जनता को संवैधानिक संरक्षण और उनके अधिकार सुनिश्चित कराने के लिए प्रतिबद्ध है।