Wednesday - 19 November 2025 - 10:49 AM

जुबिली डिबेट

प्रशासन में सचिवों का बार-बार तबादला

अशोक कुमार “प्रशासन में सचिवों का बार-बार तबादला” एक ऐसा मुद्दा है जिस पर अक्सर बहस होती रहती है, खासकर जब इसका असर नीति निर्माण और कार्यान्वयन पर पड़ता है। यह शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढाँचे और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में देखा जा सकता है। प्रशासनिक स्थिरता का महत्व यह समझना …

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एक डिग्री के लिए तो शिक्षक है नहीं और हम बात एक साथ दो डिग्री की करते हैं ?

अशोक कुमार भारत में विश्वविद्यालयों में एक साथ दो डिग्रियां मान्य होने के नियम को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने स्वीकृति दे दी है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के तहत छात्रों को अधिक लचीलापन और बहु-विषयक शिक्षा के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया है। …

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शिक्षा प्रदूषण: स्वच्छ पर्यावरण की राह में सबसे बड़ी बाधा

विश्व पर्यावरण की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें ! जब तक शिक्षा प्रदूषण समाप्त नहीं होगा, तब तक पर्यावरण सुरक्षित और स्वच्छ नहीं होगा । यह दर्शाता है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए केवल तकनीकी समाधान ही काफी नहीं हैं, बल्कि हमें अपनी शिक्षा और सामाजिक नैतिकता की जड़ों को भी …

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कुलपतियों ( कुलगुरुओं) के इस्तीफ़े : कारण और परिस्थितियाँ

अशोक कुमार विश्वविद्यालयों के कुलपति विभिन्न परिस्थितियों में इस्तीफा देते हैं। यह एक जटिल मुद्दा है जिसके कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख कारण और परिस्थितियाँ इस प्रकार हैं इस्तीफे के प्रमुख कारण  भ्रष्टाचार और अनियमितताएं  नियुक्तियों में गड़बड़ी, फर्जी डिग्रियां बेचना, वित्तीय अनियमितताएं और पद का …

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ऐसी टीवी डिबेट्स का सर्वनाश करेगा मां का श्राप

नवेद शिकोह मां दुर्गा है, हमारा देश भारत हमारी मां है। मां के क़दमों के नीचे जन्नत है। मां ना होती तो शायद पवित्रता और शक्ति की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। मां का आर्शीवाद है तो जीवन सफल,सुखी और समृद्ध है। लोक-परलोक हर जगह मां की महिमा …

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क्या है विश्वविद्यालय की असली भूमिका ?

अशोक कुमार विश्वविद्यालय का मूल अर्थ स्वायत्तता एवं स्वतंत्र विचारों की अभिव्यक्ति से गहराई से जुड़ा हुआ है। स्वायत्तता का महत्व विश्वविद्यालयों को स्वायत्तता इसलिए दी जाती है ताकि वे बाहरी दबावों, विशेषकर राजनीतिक या आर्थिक प्रभावों से मुक्त होकर अपने शैक्षिक और अनुसंधान संबंधी कार्यों को स्वतंत्र रूप से …

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शैक्षणिक स्वतंत्रता-क्या यह आवश्यक है?

अशोक कुमार शैक्षणिक स्वतंत्रता उच्च शिक्षा में शिक्षकों, शोधकर्ताओं और छात्रों की स्वतंत्रता है कि वे अपने शैक्षणिक क्षेत्र में विचारों और निष्कर्षों की जांच, शिक्षण और चर्चा कर सकें, बिना किसी अनुचित हस्तक्षेप, प्रतिबंध या प्रशासकों, राजनीतिक हस्तियों, दाताओं या अन्य बाहरी संस्थाओं से प्रतिशोध के डर के। यह …

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अभावग्रस्त बच्चों के हौसलों की उड़ान फिल्म “चिड़िया”

तीस मई को हो रही देश-भर में रिलीज राष्ट्रीय -अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में पा चुकी है कई अवार्ड नवेद शिकोह मासूम बचपन के सपनों, हौसलों, संघर्षों और प्रतिभा में अथाह ताकत होती है। ख़ासकर अभावग्रस्त,संघर्षशील गरीब परिवार के या लावारिस बच्चे जो सोच लें वो कर दिखाते हैं। उन्हें मुश्किलें …

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डमी स्कूल-प्रभावशाली या औपचारिक शिक्षा के लिए हानिकारक ?

अशोक कुमार “डमी स्कूल” एक ऐसा मॉडल है जहां छात्र किसी स्कूल में केवल नाम के लिए दाखिला लेते हैं, लेकिन वे नियमित रूप से स्कूल नहीं जाते हैं। इसके बजाय, वे प्रतियोगी परीक्षाओं (जैसे JEE, NEET) की तैयारी के लिए कोचिंग सेंटरों में अधिक समय बिताते हैं। डमी स्कूलों …

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सत्ता से अंधी मोहब्बत में जड़ें छोड़ रहे दल

अपनों से इजहार-ए-मोहब्बत नहीं करती सपा-भाजपा नवेद शिकोह राजनीति दलों से कितनों का ही पुराना इश्क हो लेकिन सियासत को सिर्फ कुर्सी से इश्क होता है। सत्ता पाने या सत्ता सुख कायम रखने के लिए दलों को अपने आशिकों (पारंपरिक वोटरों) से ज्यादा ध्यान उनका रखना पड़ता है जिनसे उनकी …

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