Monday - 22 January 2024 - 7:03 AM

ओपिनियन

स्वयं को किस्तों में कत्ल होते देखने की मजबूरी

जीवन की विभीषिकायें नित नये रूप में सामने आ रहीं हैं। कभी प्राकृतिक दावनल के रूप में तो कभी मानव के कथित विकासात्मक कृत्यों के परिणामस्वरूप महामारी के नये स्वरूप पर जहां विश्व चिंतित है वहीं विनाशकारी हथियारों की होड भी बढती जा रही है। वर्चस्व की कामनायें निरंतर हिलोरें …

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अब न टूटे किसानों के साथ संवाद का सिलसिला

कृष्णमोहन झा यह निःसंदेह संतोष का विषय है कि ‌32 किसान संगठनों के संयुक्त मोर्चे ने 378 दिन पुराना किसान आन्दोलन स्थगित करने की घोषणा कर दी है। केंद्र सरकार ने एम एस पी को छोड़कर किसानों की बाकी मांगों पर अपनी लिखित सहमति देकर इस आंदोलन की वापसी का …

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हर दल का फोकस युवा वोटर्स पर, इस मामले में BJP ले रही लीड

राज्य के आगामी विधानसभा चुनावों में युवा वोटर निभाएंगे अहम भूमिका राजेन्द्र कुमार उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा भले ही अभी नहीं हुई हो, लेकिन सभी राजनीतिक दल युवा वोटर्स के जोड़ घटाव में जुट गए हैं। हर राजनीतिक दल की नजर यूपी के युवा वोटर्स …

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ओमिक्रान की दस्तक के पहले ही सतर्क हो जाएं हम

कृष्णमोहन झा लगभग दो साल पहले चीन की एक प्रयोगशाला से निकल कर दुनिया भर में तबाही मचाने वाले कोरोनावायरस के अब तक कई स्वरूप सामने आ चुके हैं और अब दक्षिण अफ्रीका में इसका एक और वेरिएंट सामने आया है जिसे ओमिक्रान नाम दिया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन …

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UP के चुनावों में डार्क हॉर्स साबित हो सकती है बसपा

मुगालते में हैं मायावती को खारिज करने वाले अपने सॉलिड वोट बैंक के नाते आज भी सपा से बीस है बसपा राजेंद्र कुमार लखनऊ . उत्तर प्रदेश में चुनावी सक्रियता ने अब जोर पकड़ लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिलों का दौरा कर जनता से सीधे संवाद बना रहे हैं। …

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BJP के मुकाबले विपक्ष का चेहरा बनना चाहती हैं ममता?

लेकिन भारत के सभी प्रदेशों में इनकी स्वीकार्यता पर सवाल भी! यशोदा श्रीवास्तव दिल्ली में प.बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कांग्रेस सहित विपक्ष के तमाम नेताओं को अपने आंचल में जगह दे रही हैं। जिन दलों के विस्थापित लोग टीएमसी ज्वाइन कर रहे हैं,उन दलों को शायद इसकी परवाह न …

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भारत में द्वि-ध्रुवीकृत वर्चस्व राजनीतिक दलों का उभार

प्रो. रिपु सूदन सिंह भारतीय लोकतन्त्र एक बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है जिसमे संयुक्त राज्य अमेरिका व अन्य विकसित प्रजातांत्रिक देशों की तरह यहा भी दलों का द्वि-धुर्वीकरण हो रहा है। उत्तर प्रदेश का आगामी चुनाव प्रदेश के साथ साथ 2024 के लोक सभा के चुनाव पर …

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अनिवार्य हो गया है राजनीति का राष्ट्रीय मसौदा

देश में दलगत राजनीति ने एक नये विभाजन का स्वरूप गढना शुरू कर दिया है। नागरिकों की मानसिकता पर अब व्यक्तिवाद हावी होकर स्वार्थपरिता के हिंडोले पर झूलने लगा है। परिवादवाद पर आधारित पार्टियों के मध्य जनसेवकों की समाजसेवा का स्वरूप चाटुकारिता के रूप में परिवर्तित हो गया है। व्यक्तिगत …

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तो 2022 में भी 2017 वाले एजेंडे के भरोसे ही रहेगी भाजपा

उत्कर्ष सिन्हा यूपी विधानसभा के चुनावो की तपिश जैसे जैसे बढ़ती जा रही है , वैसे वैसे सियासी पार्टियाँ अपने चुनावी एजेंडे को तय करने की और बढ़ती जा रही हैं. यूपी के कांग्रेस के तीन दशकों के वनवास को ख़त्म करने में जुटी प्रियंका गाँधी ने महिलाओं के लिए …

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क्यों क्षेत्रीय दलों से दूरियां बना रही कांग्रेस !

नवेद शिकोह पश्चिम बंगाल में टीएमसी की जीत के बाद के राजनीतिक समीकरण भांपते हुए कांग्रेस ने क्षेत्रीय दलों से दूरी बनाकर एकला चलो पर अमल करने का फैसला किया है। अब वो आत्मनिर्भर बनकर अकेले चलने की रणनीति बना रही है। इस मुहिम में कांग्रेस के साथ किसान आंदोलन …

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