जुबिली स्पेशल डेस्क
रूस में इस वक्त राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान चल रहा है। इसको लेकर तैयारी शुरू हो गई और राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डाले जा रहे हैं। स्थानीय मीडिया के अनुसार 15 से 17 मार्च तक वोटिंग होगी।
चुनाव में कौन जीतेगा ये लगभग तय होता हुआ नजर आ रहा है। बताया जा रहा है कि व्लादिमीर पुतिन का राष्ट्रपति चुना जाना करीब-करीब तय है।
पुतिन के मुकाबले में बेहद कमजोर विपक्ष है और ये चुनाव इसलिए काफी अहम है क्योंकि इस वक्त लंबे से रूस और यूक्रेन के बीच जंग चल रही है। इतना ही नहीं ये भी पहली बार हो रहा है कि रूस में तीन दिन तक वोटिंग चलेगी।
इस चुनाव में जिसको 50 प्रतिशत वोट मिलता है वो विजयी होता है। अगर उम्मीदवार ज्यादा हैं और किसी एक को 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट नहीं मिले तो तीन हफ्तों बाद दोबारा चुनाव होता है, जिसमें टॉप-2 उम्मीदवार ही होते हैं। फिर इन दो में से कोई एक राष्ट्रपति बनता है।
पुतिन के राजनीतिक करियर पर एक नजर डाले तो वो चार बार रूस के राष्ट्रपति रह चुके है। इसके साथ वोट शेयर भी अब पहले से ज्यादा बढ़ा है। साल 2000 में पुतिन पहली बार राष्ट्रपति चुने गए थे, तब उन्हें 54 प्रतिशत वोट मिले थे इसके बाद जब 2004 मेें वोट शेयर और बढक़र 72 प्रतिशत चला गया जबकि 2012 में 65 प्रतिशत वोट मिले थे।
2018 के राष्ट्रपति चुनाव में पुतिन ने 77 प्रतिशत वोट हासिल कर अपना दबदबा कायम किया। रूस के लोगों का पुतिन पर भरोसा अब कायम है और लोगों को लगता है कि अमेरिका-यूरोप जैसे पश्चिमी देशों को पुतिन ही अपने अंदाज में सख्ती से जवाब दे सकते हैं और 75 प्रतिशत लोग आज भी पुतिन का खुलेआम समर्थन कर रहे है।
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