जुबिली न्यूज डेस्क
बिहार में चुनावी हलचल के बीच अब असम और पश्चिम बंगाल में भी सियासी तापमान बढ़ने लगा है। दोनों राज्यों में अगले साल यानी 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं, और इसी को ध्यान में रखते हुए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अभी से अपनी रणनीति पर काम तेज कर दिया है।

लेकिन इस बीच पार्टी को गुरुवार को बड़ा झटका लगा जब मोदी सरकार में रेल राज्य मंत्री रह चुके राजेन गोहेन (Rajen Gohain) ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। गोहेन के साथ 17 अन्य नेताओं ने भी बीजेपी छोड़ने का ऐलान किया है।
बीजेपी की दो दिवसीय बैठक में चुनावी रणनीति पर मंथन
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने बताया कि डिब्रूगढ़ में पार्टी की विस्तारित कार्यकारी समिति (Executive Committee) की बैठक गुरुवार को हुई, जिसमें 2026 विधानसभा चुनावों की रणनीति पर चर्चा हुई। सरमा ने कहा,“बैठक काफी रचनात्मक रही। हमने अलग-अलग मसलों पर विचार किया और अगले साल के चुनावों के लिए लगभग रणनीति तय कर ली है।”
उन्होंने बताया कि शुक्रवार को भी बैठक जारी रहेगी, और राज्य अध्यक्ष दिलीप सैकिया (Dilip Saikia) मीडिया को दो दिवसीय बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देंगे।
इन नेताओं की मौजूदगी रही अहम
बैठक में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और राज्य अध्यक्ष दिलीप सैकिया के अलावा कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे —
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केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल
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केंद्रीय मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा
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राष्ट्रीय सचिव और सांसद कामाख्या प्रसाद तासा
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राज्य प्रभारी हरीश द्विवेदी
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संगठन मंत्री रवींद्र राजू
इन नेताओं ने संगठनात्मक मजबूती, बूथ स्तर पर नेटवर्क और विपक्षी दलों से मुकाबले की रणनीति पर चर्चा की।
पूर्व रेल राज्य मंत्री राजेन गोहेन का इस्तीफा
बीजेपी की बैठक के बीच राजेन गोहेन के इस्तीफे ने पार्टी में हलचल मचा दी।
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राजेन गोहेन असम के नागांव लोकसभा क्षेत्र से 4 बार सांसद (1999–2019) रह चुके हैं।
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वे 2016 से 2019 तक केंद्र सरकार में रेल राज्य मंत्री भी रहे।
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गुरुवार को उन्होंने गुवाहाटी स्थित बीजेपी मुख्यालय में पार्टी से इस्तीफा दिया।
उनके साथ 17 अन्य पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भी पार्टी छोड़ दी, जिससे संगठन को झटका लगा है।
2026 चुनाव से पहले चुनौती
राजेन गोहेन के इस्तीफे को असम बीजेपी के लिए एक बड़ा राजनीतिक झटका माना जा रहा है। यह ऐसे वक्त में हुआ है जब पार्टी अगले साल के विधानसभा चुनावों की रणनीति को अंतिम रूप देने में जुटी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस कदम से बीजेपी की एकजुटता और ग्रासरूट स्ट्रक्चर पर असर पड़ सकता है।
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पश्चिम बंगाल में भी रणनीति तेज
इधर पश्चिम बंगाल में भी बीजेपी ने चुनावी तैयारी शुरू कर दी है। राज्य में 2026 में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) को चुनौती देने के लिए पार्टी संगठनात्मक बैठकों और कार्यकर्ता सम्मेलन की योजना बना रही है।
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