
न्यूज डेस्क
मध्य प्रदेश में बीजेपी के एक सांसद के बेटे पर आरक्षण का लाभ लेने का आरोप है। इस मामले में बीजेपी सांसद की मुश्किले बढ़ गई है। सांसद और उनके बेटे के खिलाफ कथित तौर पर दस्तावेज जमा कराने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है।
एमपी में गुना-शिवपुरी संसदीय सीट से दिग्गज कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराने वाले भाजपा सांसद कृष्णापाल यादव की मुश्किले बढ़ गई है। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक 23 दिसंबर को सांसद कृष्णापाल और उनके बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ है। आरोप है कि सांसद ने गैर क्रीमी लेयर में जाति प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए जाली दस्तावेज जमा कराए थे।
एफआईआर दर्ज होने से पहले 16 दिसंबर को भाजपा सांसद और उनके बेटे का जाति प्रमाण-पत्र मुंगावली के एसडीएम ने निरस्त कर दिया था। एसडीएम ने ये कार्रवाई साल 2014 में सांसद द्वारा अपने बेटे सार्थक यादव को पिछड़ा वर्ग का आरक्षण लाभ दिलाने के लिए अपनी आय क्रीमीलेयर के आठ लाख रुपए से कम बताने पर की।
हालांकि भाजपा नेता ने लोकसभा चुनवा के दौरान जो पर्चा दाखिल किया था उसमें अपनी आय 39 लाख रुपए बताई थी। भाजपा नेता के आय के इस अंतर पर मुंगावली से कांग्रेस विधायक बिजेंद्र सिंह यादव ने इसकी शिकायत एसडीएम से की। जांच के बाद एसडीएम ने सांसद पर कार्रवाई करते हुए उनके जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर इसका प्रतिवेदन एडीएम को भेजा।
वहीं एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे मामलों में आईपीसी की धारा 466 और 181 के तहत केस दर्ज किया जाता है। अगर कृष्णापाल यादव इसमें दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें सात साल तक की सजा हो सकती है। इसी बीच कांग्रेस विधायक बिजेंद्र ने कहा कि सांसद ने जो आय का प्रमाम पत्र बनवाया था उसमें उन्होंने अपनी आय को जाति प्रमाण का फायदा उठाने के लिए क्रीमीलेयर से नीचे बताया था। भाजपा नेता ने किसी गरीब का हक मारा है।
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