जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को अंग्रेजी भाषा को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर करारा हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किए एक बयान और वीडियो के ज़रिए दावा किया कि BJP और RSS नहीं चाहते कि भारत का गरीब बच्चा अंग्रेजी सीखे, ताकि वो आगे न बढ़ सके और सत्ता से सवाल न कर सके।
“अंग्रेजी शर्म नहीं, शक्ति है” – राहुल गांधी
राहुल गांधी ने लिखा,“अंग्रेजी बांध नहीं, पुल है। अंग्रेजी शर्म नहीं, शक्ति है। अंग्रेजी कोई जंजीर नहीं – ये तो जंजीरें तोड़ने का औज़ार है।” उन्होंने यह भी कहा कि आज के समय में अंग्रेजी उतनी ही ज़रूरी है जितनी किसी की मातृभाषा, क्योंकि यह भाषा ना सिर्फ रोज़गार के अवसर खोलती है, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ाती है।
अंग्रेज़ी बाँध नहीं, पुल है।
अंग्रेज़ी शर्म नहीं, शक्ति है।
अंग्रेज़ी ज़ंजीर नहीं – ज़ंजीरें तोड़ने का औज़ार है।BJP-RSS नहीं चाहते कि भारत का ग़रीब बच्चा अंग्रेज़ी सीखे – क्योंकि वो नहीं चाहते कि आप सवाल पूछें, आगे बढ़ें, बराबरी करें।
आज की दुनिया में, अंग्रेज़ी उतनी ही ज़रूरी… pic.twitter.com/VUjinqD91s
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 20, 2025
“हर बच्चे को अंग्रेजी सीखने का समान अधिकार “
कांग्रेस नेता ने अपने बयान में यह भी स्पष्ट किया कि वह भारतीय भाषाओं के पक्षधर हैं और उनका सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा:“भारत की हर भाषा में आत्मा है, संस्कृति है, ज्ञान है – हमें उन्हें संजोकर रखना है। लेकिन इसके साथ ही देश के हर बच्चे को अंग्रेजी सीखने का बराबरी का मंच भी मिलना चाहिए।”
राहुल गांधी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में शिक्षा और भाषा को लेकर नई बहस छिड़ी हुई है। उन्होंने इसे सामाजिक न्याय और समान अवसर की लड़ाई बताया।
राजनीतिक विश्लेषकों की नजर में क्या है मतलब?
राजनीतिक विश्लेषक इस बयान को शिक्षा और भाषा के माध्यम से सामाजिक समानता को कमजोर करने की BJP नीति के विरुद्ध एक बड़ा बयान मान रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि मोदी सरकार गरीब और पिछड़े वर्गों को उच्च स्तर की शिक्षा और भाषा से वंचित रख रही है, जिससे उन्हें आगे बढ़ने का मौका नहीं मिलता।
ये भी पढ़ें-अखिलेश यादव का हमला: डिप्टी सीएम को बताया ‘अनपढ़’, सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
क्या कहती है कांग्रेस?
कांग्रेस का कहना है कि यदि अंग्रेजी को केवल अमीर और शहरी वर्ग तक सीमित रखा गया, तो यह गरीब और ग्रामीण बच्चों के साथ अन्याय होगा। राहुल गांधी के अनुसार, अंग्रेजी भाषा को सबके लिए सुलभ बनाकर ही भारत वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिक सकेगा।