जुबिली स्पेशल डेस्क
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन ने अति पिछड़ा समाज के लिए अपना संकल्प पत्र जारी किया है, जिसमें आरक्षण और जातीय जनगणना को प्रमुखता दी गई है।
पटना में आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यदि महागठबंधन सत्ता में आता है तो वह आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा को खत्म कर देगा। उन्होंने कहा कि सरकारी ठेकों और निविदाओं में भी अति पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण लागू होगा, खासकर 25 करोड़ रुपये से अधिक की सरकारी परियोजनाओं में।
राहुल गांधी ने कहा, “वोटर अधिकार यात्रा बहुत सफल रही। हमने लोगों को समझाया कि कैसे संविधान खतरे में है और नागरिकों के अधिकार धीरे-धीरे छीने जा रहे हैं। “यदि इंडिया गठबंधन सत्ता में आता है तो वह आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा को समाप्त करेगा। अति पिछड़ा वर्ग के लिए निजी शिक्षण संस्थानों और 25 करोड़ रुपये से अधिक की सरकारी परियोजनाओं/ठेकों में आरक्षण लागू किया जाएगा।

संकल्प पत्र में क्या-क्या वादे?
1. बिहार में एससी/एसटी समाज की तरह ईबीसी समाज के लिए भी ‘अतिपिछड़ा अत्याचार निवारण अधिनियम’ बनाया जाएगा।
2. अतिपिछड़ा वर्ग के लिए पंचायत और नगर निकाय में वर्तमान 20% आरक्षण को बढ़ाकर 30% किया जाएगा।
3. आबादी के अनुपात में आरक्षण की 50% की सीमा को बढ़ाने हेतु, विधान मंडल पारित कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
4. नियुक्तियों की इयन प्रक्रिया में “Not Found Suitable” (NFS) जैसी अवधारणा को अवैध घोषित किया जाएगा।
5. अतिपिछड़ा वर्ग की सूची में अल्प या अति समावेशन (under or over-inclusion) से संबंधित सभी मामलों को एक कमेटी बनाकर निष्पादित किया जाएगा।
6. अतिपिछड़ा, अनुसूचित जाति, जन-जाति और पिछड़ा वर्ग के सभी आवासीय भूमिहीनों को शहरी क्षेत्रों में 3 डेसिमल और ग्रामीण क्षेत्रों में 5 डेसिमल आवासीय भूमि उपलब्ध कराई जाएगी।
7. UPA सरकार की ओर से पारित ‘शिक्षा अधिकार अधिनियम’ (2010) के तहत प्राइवेट स्कूलों में नामांकन हेतु आरक्षित सीटों का आधा हिस्सा अतिपिछड़ा, पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति और जन-जाति के बच्चों हेतु निर्धारित किया जाएगा।
8. 25 करोड़ रुपयों तक के सरकारी ठेकों/आपूर्ति कार्यों में अतिपिछड़ा, अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जाति के लिए 50% आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा।
9. संविधान की धारा 15(5) के अंतर्गत राज्य के सभी निजी शिक्षण संस्थानों के नामांकन हेतु आरक्षण लागू किया जाएगा।
10. आरक्षण की देखरेख के लिए उच्च अधिकार प्राप्त आरक्षण नियामक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा, और जातियों की आरक्षण सूची में कोई भी परिवर्तन केवल विधान मेडल की अनुमति से ही संभव होगा।
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
