जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के लाखों छात्रों के लिए छात्रवृत्ति व्यवस्था में बड़ा और ऐतिहासिक बदलाव करने की तैयारी कर ली है। सरकार का उद्देश्य है कि हर जरूरतमंद छात्र को समय पर आर्थिक सहायता मिले और किसी भी पात्र छात्र की पढ़ाई सिर्फ तकनीकी कारणों से न रुके। अब छात्रवृत्ति योजनाएं पारदर्शी, डिजिटल और तकनीकी रूप से अधिक मजबूत होंगी।
अब सालभर खुला रहेगा छात्रवृत्ति आवेदन पोर्टल
अब छात्रों को छात्रवृत्ति के लिए एक तय समयसीमा का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। राज्य सरकार एक ऐसा संयुक्त डिजिटल पोर्टल तैयार कर रही है जो पूरे साल खुला रहेगा, जिससे छात्र कभी भी आवेदन कर सकेंगे। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि दूर-दराज और ग्रामीण क्षेत्रों के वे छात्र जो अक्सर अंतिम तिथि से वंचित रह जाते हैं, अब आसानी से आवेदन कर सकेंगे।
सेमेस्टर वाइज मिलेगी स्कॉलरशिप
योगी सरकार ने यह भी तय किया है कि छात्रवृत्ति अब वार्षिक नहीं बल्कि सेमेस्टर के आधार पर दी जाएगी। इसका सीधा लाभ यह होगा कि छात्रों को समय-समय पर वित्तीय सहायता मिलती रहेगी और उनकी पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि तकनीकी खामियों या देरी के कारण किसी भी छात्र की पढ़ाई रुकनी नहीं चाहिए।
आएगी फेस रिकॉग्निशन तकनीक
छात्रवृत्ति योजनाओं में धोखाधड़ी और डुप्लिकेट एंट्रीज की शिकायतें अक्सर सामने आती रही हैं। इसे रोकने के लिए सरकार अब छात्रों की फेस रिकॉग्निशन प्रणाली लागू करने जा रही है। यह तकनीक छात्रों की पहचान और उपस्थिति को वेरिफाई करेगी, जिससे सिर्फ असली और पात्र छात्र ही लाभ उठा सकें।
साथ ही एक मोबाइल ऐप भी लाया जाएगा, जिससे छात्र अपने आवेदन की स्थिति को रियल टाइम में ट्रैक कर सकेंगे।
तीन विभाग मिलकर बनाएंगे एक समान नीति
छात्रवृत्ति प्रणाली को अधिक सरल और एकीकृत बनाने के लिए तीन प्रमुख विभाग —
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समाज कल्याण विभाग (Social Welfare)
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अल्पसंख्यक कल्याण विभाग (Minority Welfare)
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पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग (Backward Class Welfare)
— एक साथ मिलकर काम करेंगे और एकीकृत नीति और पोर्टल बनाएंगे। समाज कल्याण विभाग को इस पूरी प्रक्रिया का नोडल विभाग बनाया गया है।
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योगी सरकार का उद्देश्य: सबको मिले शिक्षा का अधिकार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि उत्तर प्रदेश में कोई भी छात्र सिर्फ पैसों की कमी के कारण अपनी पढ़ाई से वंचित न हो। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सबका साथ, सबका विकास” विजन को भी आगे बढ़ाती है।
इस नई प्रणाली के लागू होने से न केवल छात्रवृत्ति प्रक्रिया पारदर्शी बनेगी, बल्कि लाखों छात्रों को इसका सीधा और समयबद्ध लाभ मिलेगा।