जुबिली न्यूज डेस्क
हैदराबाद, तेलंगाना बीजेपी में बड़े सियासी उलटफेर की शुरुआत हो गई है। गोशामहल से विधायक टी राजा सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपनी नाराजगी का कारण पार्टी नेतृत्व चयन में पारदर्शिता की कमी और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा को बताया है।

टी राजा सिंह ने अपना इस्तीफा तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष जी. किशन रेड्डी को भेजा है और स्पष्ट रूप से लिखा है कि वे इस फैसले से “निराश और आहत” हैं।
“रामचंदर राव को अध्यक्ष बनाने की खबर सदमे जैसी”
राजा सिंह ने अपने पत्र में लिखा:“मुझे मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए पता चला कि रामचंदर राव को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। यह खबर मेरे और मुझ पर विश्वास करने वाले लाखों कार्यकर्ताओं के लिए चौंकाने वाली है।”
उन्होंने कहा कि ऐसे फैसलों से जमीनी कार्यकर्ताओं में निराशा फैलती है, और नेतृत्व को यह बात समझनी चाहिए।
“BJP से अलग, लेकिन हिंदुत्व और जनता की सेवा जारी रहेगी”
पार्टी छोड़ने के बाद टी राजा सिंह ने बयान दिया:“मैं बीजेपी की सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं, लेकिन हिंदुत्व की विचारधारा और गोशामहल के लोगों की सेवा के लिए हमेशा समर्पित रहूंगा।”
टी राजा सिंह लंबे समय से अपने कट्टर हिंदुत्ववादी बयानों के लिए सुर्खियों में रहे हैं और दक्षिण भारत में पार्टी के आक्रामक चेहरे के रूप में पहचाने जाते हैं।
पहले भी दे चुके हैं इस्तीफा
ये पहला मौका नहीं है जब उन्होंने पार्टी से दूरी बनाई हो। 2018 में भी टी राजा सिंह ने गौ रक्षा के मुद्दे पर पार्टी से इस्तीफा दिया था, हालांकि उस समय बीजेपी ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया।
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क्या असर पड़ेगा बीजेपी पर?
‘टाइगर’ के नाम से मशहूर राजा सिंह का यह कदम तेलंगाना बीजेपी में भीतरूनी असंतोष और नेतृत्व संकट को उजागर करता है।2024 के लोकसभा चुनावों के बाद पार्टी तेलंगाना में संगठन को मजबूत करने में जुटी थी, लेकिन अब अंदरूनी कलह फिर से सामने आने लगी है।
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