जुबिली न्यूज डेस्क
मेरठ: उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव नजदीक आते ही समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के भीतर खींचतान और अंदरुनी कलह खुलकर सामने आने लगी है। मेरठ में सपा जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी ने समीक्षा बैठक के दौरान पार्टी के कई नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं और उन्हें “चोर” तक कह दिया। उनके अनुसार, कुछ नेता केवल दिखावा कर रहे हैं, जबकि ज़मीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं को अनदेखा किया जा रहा है।
सपा नेताओं पर सीधा हमला
मेरठ सपा कार्यालय में आयोजित बैठक में जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी ने तीखा भाषण देते हुए कहा, “मैं इसी शहर का बच्चा हूं, इसलिए हकीकत जानता हूं। जो लोग मीटिंग में शामिल नहीं हुए, वो चोर हैं। पार्टी में ऐसे लोग खुद को कार्यकर्ता नहीं बल्कि उम्मीदवार समझते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि “जब अखिलेश यादव दिल्ली में होते हैं, तो ये नेता मिलने चले जाते हैं, लेकिन ज़मीनी संघर्ष हम लोग और कार्यकर्ता ही करते हैं।”
कार्यकर्ताओं का बढ़ाया मनोबल
जिलाध्यक्ष ने अपने संबोधन में कार्यकर्ताओं से पंचायत चुनाव (UP Panchayat Election 2025) की तैयारी में जुट जाने की अपील की। उन्होंने कहा कि पार्टी को असली ताकत कार्यकर्ता देते हैं, और समय आ गया है कि सभी लोग गांव-गांव जाकर संगठन को मजबूत करें।
पंचायत चुनाव से पहले सपा में कलह क्यों अहम?
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव का कार्यकाल 5 साल का होता है, और 2025 के अंत तक राज्य सरकार चुनाव कराने की तैयारी में है। यह चुनाव आगामी 2027 के विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2027) की दिशा तय करेगा। ऐसे में अगर सपा जैसे बड़े दल में संगठनात्मक एकता नहीं रहती, तो इसका असर चुनावी रणनीति और वोट बैंक पर पड़ सकता है।
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क्या सपा की अंदरुनी कलह 2027 के मिशन को कमजोर करेगी?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि समाजवादी पार्टी ने इस अंदरुनी कलह को जल्द नहीं सुलझाया, तो पंचायत चुनाव में पार्टी कमजोर साबित हो सकती है, जिसका सीधा असर 2027 के बड़े चुनाव पर भी पड़ेगा।