जुबिली न्यूज डेस्क
पटना: बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गई है। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बड़ा राजनीतिक ऐलान करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि तेजस्वी यादव ही पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे। राजद के राज्य परिषद की बैठक में उन्होंने यह ऐलान किया और कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे एकजुट होकर तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने की दिशा में मेहनत करें।
“तेजस्वी को सीएम बनाए बिना चैन नहीं लूंगा”
बैठक के दौरान लालू यादव ने कहा, “अब कोई भ्रम नहीं रहना चाहिए। बिहार की जनता तेजस्वी को चाहती है और हम उन्हें हर हाल में मुख्यमंत्री बनाएंगे। यही हमारा लक्ष्य है और इसके लिए हमें पूरी ताकत झोंकनी होगी।” उन्होंने यह भी कहा कि यह चुनाव सिर्फ सत्ता का नहीं बल्कि बिहार के भविष्य का सवाल है।
इंडिया गठबंधन में सीएम फेस को लेकर सस्पेंस
राजद प्रमुख के इस बयान ने विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ में हलचल मचा दी है। अब तक इंडिया गठबंधन की ओर से किसी भी मुख्यमंत्री पद के चेहरे की औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। लेकिन लालू यादव के इस बयान से यह संकेत साफ हो गया है कि राजद तेजस्वी यादव को फ्रंटफुट पर लाकर चुनाव लड़ेगी।
क्या बोले तेजस्वी यादव?
लालू यादव के ऐलान के बाद तेजस्वी यादव ने कार्यकर्ताओं का आभार जताया और कहा कि वह बिहार के विकास और युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। “हमारे एजेंडे में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय सबसे ऊपर हैं,” तेजस्वी ने कहा।
जेडीयू और बीजेपी पर हमला
राज्य परिषद की बैठक में लालू और तेजस्वी दोनों ने सत्तारूढ़ जेडीयू-बीजेपी गठबंधन पर तीखा हमला बोला। लालू ने कहा, “नीतीश कुमार ने बार-बार जनादेश का अपमान किया है। अब जनता बदलाव चाहती है।”
ये भी पढ़ें-“तेहरान पर तेज होगा इजरायली अटैक, अस्पताल पर हमले से बौखलाया नेतन्याहू”
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि लालू यादव का यह ऐलान आगामी चुनाव में राजद की रणनीति को स्पष्ट करता है। पार्टी अब तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़ने जा रही है और इससे कार्यकर्ताओं को एक स्पष्ट दिशा मिलेगी।लालू यादव के इस ऐलान से साफ है कि राजद अब तेजस्वी यादव को आगे कर बिहार विधानसभा चुनाव में उतरने जा रही है। हालांकि, INDIA गठबंधन के अन्य दल इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा। अब सभी की नजरें विपक्ष के साझा नेतृत्व की घोषणा पर टिकी हैं।