जुबिली स्पेशल डेस्क
अयोध्या में धन्नीपुर की 5 एकड़ जमीन पर प्रस्तावित मस्जिद निर्माण को लेकर एक बार फिर से चर्चाएं तेज हो गई हैं। इस जमीन पर इंडो-इस्लामिक ट्रस्ट फाउंडेशन के नेतृत्व में मस्जिद बनाई जानी थी।
इसके लिए विकास प्राधिकरण को नक्शा भी पास कराने भेजा गया था, लेकिन प्राधिकरण ने उस नक्शे को खारिज कर दिया है।
इसी बीच, बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि धन्नीपुर में मस्जिद की जरूरत नहीं है क्योंकि वहां पहले से ही कई मस्जिदें मौजूद हैं।
उनके मुताबिक, उस जमीन पर खेती की जानी चाहिए और जो भी अनाज पैदा हो, उसे हिंदू और मुसलमानों के बीच बांटा जाना चाहिए ताकि अयोध्या से गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल पेश हो सके।
गौरतलब है कि साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि विवाद पर फैसला सुनाते हुए मंदिर निर्माण का रास्ता साफ किया था और मुस्लिम समाज को अयोध्या से 22 किलोमीटर दूर धन्नीपुर गांव में मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ भूमि दी थी। लेकिन अब तक वहां निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है, जबकि मंदिर का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है।
इकबाल अंसारी का कहना है कि मस्जिद निर्माण के नाम पर केवल नक्शे दिखाए जाते हैं, लेकिन ज़मीन पर कोई काम नहीं होता। उनका सुझाव है कि ट्रस्ट को वहां खेती करनी चाहिए और चंदा इकट्ठा करने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मस्जिद निर्माण ट्रस्ट में बाबरी मस्जिद के किसी भी पक्षकार को शामिल नहीं किया गया है।
विकास प्राधिकरण द्वारा नक्शा खारिज किए जाने पर इकबाल अंसारी ने इसे सही निर्णय बताया और कहा कि मुसलमान भी वहां मस्जिद निर्माण नहीं चाहते।