
पॉलिटिकल डेस्क। लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजने के साथ ही नेताओं और राजनीतिक दलों में गठबंधन और फूटन का दौर शुरू हो गया है. ऐसे में शनिवार को दिल्ली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की मौजूदगी में अपना दल के कृष्णा पटेल गुट ने यूपी की दो लोकसभा सीटों (बस्ती और पीलीभीत) के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया है। बस्ती और पीलीभीत सीटों पर अपना दल (के) चुनाव लड़ेगा। साथ ही कृष्णा पटेल के दामाद पंकज निरंजन सिंह चंदेल ने कांग्रेस की सदस्यता भी ग्रहण कर ली है। कांग्रेस के इस मास्टर स्ट्रोक से एक बार फिर अन्य दलों की टेंशन बढ़ना तय है।
बता दें कि इससे पहले अपना दल (एस) की प्रमुख अनुप्रिया पटेल के भी कांग्रेस के साथ जाने की ख़बरें आ रही थीं, लेकिन अनुप्रिया पटेल और कांग्रेस के बीच बात नहीं बन सकी।
दरअसल अपना दल खुद आंतरिक कलह और बिखराव का शिकार है. इस पार्टी की स्थापना कद्दावर बसपा नेता रहे सोने लाल पटेल ने चार नवंबर 1995 को की थी। उनकी मृत्यु के बाद उनकी पत्नी कृष्णा पटेल पार्टी की अध्यक्ष बनीं और बड़ी बेटी अनुप्रिया पटेल महासचिव। 2012 में अनुप्रिया पटेल रोहनिया से विधायक चुनी गईं। इसके बाद से ही पार्टी में मां-बेटी के बीच महत्वाकाक्षाओं का टकराव शुरू हो गया।
2014 में मोदी लहर में अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर से और पार्टी के ही कुंवर हरिवंश सिंह प्रतापगढ़ से सांसद चुने गये। मां-बेटी का झगड़ा बढ़ा तो कृष्णा पटेल ने खुद को अपना दल का सर्वेसर्वा बता कर अनुप्रिया पटेल को पार्टी से बाहर कर दिया। अनुप्रिया पटेल ने भी खुद को असली अपना दल बताते हुए अपनी मां और छोटी बहन को बाहर करने करने का बयान जारी कर दिया। फिलहाल अपना दल पर मां बेटी दोनों अपना-अपना दावा कर रही हैं। कृष्णा पटेल ने अपना दल (के) और अनुप्रिया पटेल ने अपना दल (एस) बना लिया है।
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