जुबिली न्यूज डेस्क
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पीडीपी प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों से शांति के मार्ग तलाशने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में सैन्य कार्रवाई से ज्यादा राजनीतिक समाधान की जरूरत है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इस संघर्ष का सबसे बड़ा खामियाजा निर्दोष नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है, जो बेहद दुखद है।
दोनों देशों को संयम बरतना चाहिए: महबूबा
महबूबा मुफ्ती ने बयान जारी कर कहा, “भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। सीमा के दोनों ओर निर्दोष लोग, खासकर महिलाएं और बच्चे, बेघर हो रहे हैं और उनकी जान को खतरा है। ऐसे हालात में नेताओं को संयम दिखाना चाहिए और मिलकर समाधान निकालना चाहिए। शांति बनाए रखना और जान-माल की हानि को रोकना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।”
#WATCH श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर): PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, "… मेरी दोनों देशों से गुजारिश है कि इन हमलों को बंद कर दीजिए… जम्मू-कश्मीर के लोग कब तक इस मुसीबत को झेलेंगे… दोनों ने हिसाब बराबर कर दिया तो फिर हमारे बच्चों को क्यों मारा जा रहा है?.. बीच में जम्मू-कश्मीर के… pic.twitter.com/C5HlMAUuhE
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 9, 2025
निर्दोष नागरिक हो रहे हैं प्रभावित
महबूबा ने कहा कि “चाहे पुलवामा हो या पहलगाम, हर जगह तनाव के हालात ने हमें खतरनाक मोड़ पर ला खड़ा किया है। निर्दोष नागरिक, जिन्होंने कभी इस संघर्ष का समर्थन नहीं किया, वे इसकी सबसे बड़ी कीमत चुका रहे हैं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करती हूं कि जैसे उन्होंने यूक्रेन युद्ध के दौरान हस्तक्षेप कर युद्ध को रोकने में भूमिका निभाई थी, वैसे ही अब भारत-पाकिस्तान तनाव को खत्म करने के लिए पहल करें।”
मीडिया से की जिम्मेदारी निभाने की अपील
महबूबा मुफ्ती ने दोनों देशों के मीडिया पर भी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, “मीडिया ने अपनी सीमाएं लांघ दी हैं। झूठी और भड़काऊ खबरें फैलाई जा रही हैं, जिससे लोगों में डर का माहौल बन रहा है। मीडिया को अपनी भूमिका जिम्मेदारी से निभानी चाहिए और सच्चाई को सामने लाना चाहिए। इस्लामाबाद के नष्ट होने जैसी अफवाहें फैलाना गलत है। असली हालात अस्पतालों में देखे जा सकते हैं, जहां घायल लोग तड़प रहे हैं।”
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शांति ही समाधान: महबूबा
उन्होंने भावुक होते हुए कहा, “हमारे बच्चे मारे जा रहे हैं। दोनों देश बराबरी का नुकसान झेल रहे हैं तो फिर निर्दोष लोगों को क्यों निशाना बनाया जा रहा है? सैन्य हस्तक्षेप कभी समाधान नहीं हो सकता। असली समाधान राजनीतिक वार्ता और आपसी समझ है।”