जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ | कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी आज अपना 55वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस खास मौके पर उन्हें देशभर से बधाइयां मिल रही हैं। कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेताओं से लेकर सहयोगी दलों के नेताओं तक ने उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी राहुल गांधी को खास अंदाज में बधाई दी है। उन्होंने ना सिर्फ जन्मदिन की शुभकामना दी, बल्कि राहुल गांधी की समावेशी और सामाजिक राजनीति की सराहना भी की।
“समावेशी सक्रियता के लिए शुभकामनाएं”
अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:”श्री राहुल गांधी जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई व सौहार्दपूर्ण, समावेशी, समायोजनकारी समग्र सामाजिक-राजनीतिक सक्रियता के लिए शुभकामनाएँ!”
इस संदेश को इंडिया गठबंधन की मजबूती और राहुल-अखिलेश की पारस्परिक समझदारी के रूप में देखा जा रहा है। विपक्षी एकता के लिहाज से ये बयान अहम माना जा रहा है।
यूपी में गठबंधन, पर मतभेद भी
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने 2024 लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के तहत साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि कांग्रेस ने भी 6 सीटों पर जीत दर्ज कर बड़ी वापसी की।
हालांकि, चुनाव के बाद से गठबंधन में कुछ दरारें भी देखने को मिली हैं। कांग्रेस के सांसद इमरान मसूद ने सार्वजनिक तौर पर समाजवादी पार्टी को “बड़ा भाई” मानने से इनकार किया और गठबंधन के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए।
सपा की ओर से इस बयान को व्यक्तिगत मत बताया गया और कहा गया कि गठबंधन पर निर्णय लेना पार्टी नेतृत्व का अधिकार है, न कि किसी एक सांसद का।
राहुल-अखिलेश की सियासी केमिस्ट्री
बीते कुछ सालों में राहुल गांधी और अखिलेश यादव के बीच अच्छा तालमेल देखने को मिला है — चाहे वो संसद हो या इंडिया गठबंधन की रैलियां। दोनों युवा नेता भाजपा के खिलाफ एक विकल्प तैयार करने की दिशा में लगातार संवाद और सहयोग में लगे हुए हैं।
इस जन्मदिन पर अखिलेश का यह खास संदेश उस साझेदारी की पुष्टि करता है, जो भविष्य की राजनीति में बड़ी भूमिका निभा सकती है।
ये भी पढ़ें-उत्तर प्रदेश में IAS अधिकारियों की भारी कमी, सरकार करने जा रही बड़ा प्रशासनिक बदलाव
राहुल गांधी के जन्मदिन पर अखिलेश यादव की ओर से आई शुभकामना को सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संकेत के तौर पर भी देखा जा रहा है। इससे न सिर्फ विपक्ष की एकजुटता का संदेश गया है, बल्कि यह भी स्पष्ट हुआ है कि तमाम मतभेदों के बावजूद इंडिया गठबंधन की नींव फिलहाल मजबूत है।