जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस भाषण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की प्रशंसा करने पर समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को तीखा हमला बोला। अखिलेश ने कहा कि संघ “मुंह से स्वदेशी है, लेकिन मन से विदेशी”।

अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “भारतीय जनता पार्टी के पहले अधिवेशन में तय हुआ था कि वे धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी मार्ग पर चलेंगे, लेकिन संघ परिवार का रास्ता वैसा नहीं है। ये बातें तो स्वदेशी करते हैं, लेकिन दिल से विदेशी हैं।”
उनकी यह टिप्पणी तब आई जब पीएम मोदी ने अपने भाषण में आरएसएस को “दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ” बताते हुए उसकी 100 साल की यात्रा की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा था कि यह संगठन एक सदी से राष्ट्र कल्याण के लिए समर्पित है।
‘किसान मजबूत होंगे तो देश मजबूत होगा’
स्वतंत्रता दिवस पर अखिलेश यादव ने कहा कि भारत को दुनिया की चुनौतियों का सामना करना होगा। उन्होंने कहा, “हमारे किसान जितने मज़बूत होंगे, देश उतना ही आर्थिक रूप से सशक्त होगा। हमारे युवाओं का भविष्य बेहतर होगा और भारत वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा कर पाएगा।”
योगी सरकार और वैश्विक चुनौतियों पर निशाना
अखिलेश ने कहा, “देश को मजबूत बनाने के लिए हमें हर त्याग करना होगा। समय-समय पर देश को धमकियां मिलती हैं, कभी बाजार के नाम पर, कभी जमीन के नाम पर। हमें सीमाओं की सुरक्षा करनी होगी। अग्निवीर योजना खत्म की जानी चाहिए। आज अमेरिका हम पर टैरिफ लगा रहा है और हमारे उद्योगपतियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है। ऐसे वैश्विक संकट से निपटने के लिए रणनीति बनानी होगी।”
आरएसएस की स्थापना 1925 में केशव बलिराम हेडगेवार ने नागपुर में की थी। संगठन इस समय अपनी 100वीं वर्षगांठ का जश्न मना रहा है और देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
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