जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली, — गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून को हुए दर्दनाक विमान हादसे में 250 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। घटना की आधिकारिक जांच अब भी जारी है। इसी बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस हादसे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर इशारों में निशाना साधते हुए विमानन मंत्री के इस्तीफे की अप्रत्यक्ष मांग कर दी है।
अखिलेश यादव का तीखा हमला
अखिलेश यादव ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:”बीजेपी के आने के बाद से नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे देने का चलन खत्म हो गया है। ये बीजेपी की राजनीति की सबसे बड़ी हार है कि सैकड़ों लोगों की मृत्यु पर कोई उन भाजपाइयों से इस्तीफा भी नहीं माँगता है, जो सीधे-सीधे इसके लिए उत्तरदायी हैं। इसका साफ मतलब ये निकलता है कि जनता को बीजेपी से किसी भी प्रकार की कोई उम्मीद नहीं बची है। निंदनीय!”
हालांकि उन्होंने किसी मंत्री या मंत्रालय का नाम नहीं लिया, लेकिन संदर्भ साफ़ तौर पर 12 जून को हुए एयर इंडिया AI-171 विमान हादसे की ओर इशारा कर रहा था।
क्या हुआ था 12 जून को?
12 जून को लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, टेक-ऑफ के कुछ मिनट बाद अहमदाबाद के एक मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। विमान में कुल 242 यात्री और क्रू सवार थे। हादसे में:
-
241 यात्रियों की मौत हो गई (केवल एक जीवित बचा),
-
ज़मीन पर मौजूद 29 लोग भी मारे गए,
-
कई शव बुरी तरह जल चुके थे, जिनकी पहचान डीएनए जांच से की जा रही है।
अब तक, 190 शवों की पहचान की जा चुकी है और उनमें से 159 शव परिजनों को सौंपे जा चुके हैं, जिनमें 32 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।
राजनीतिक तूफान: इस्तीफे की मांग तेज
हादसे के बाद से विपक्ष लगातार सरकार पर हमला कर रहा है। अखिलेश यादव का यह बयान इस दिशा में सबसे तीखा माना जा रहा है। उन्होंने सरकार पर नैतिक जिम्मेदारी लेने से भागने का आरोप लगाया है।
हालांकि अभी तक नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से कोई मंत्री या अधिकारी इस्तीफा नहीं दिया गया है, और न ही इस्तीफे की चर्चा को लेकर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया आई है।
सरकार की कार्रवाई और जांच
सरकार ने दुर्घटना के बाद तुरंत:
-
डीजीसीए (DGCA) और एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) को जांच सौंपी है,
-
एयर इंडिया की संबंधित उड़ानों को अस्थायी रूप से निलंबित किया गया है,
-
ब्लैक बॉक्स और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर को जांच के लिए भेजा गया है।
हालांकि विपक्ष का कहना है कि सिर्फ तकनीकी जांच से काम नहीं चलेगा — जिम्मेदार लोगों की राजनीतिक जवाबदेही भी तय होनी चाहिए।
ये भी पढ़ें-बिहार: कटिहार सदर अस्पताल से सेक्स रैकेट संचालित, दो महिलाएं रंगे हाथों पकड़ी गईं
क्या है आगे का रास्ता?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर इस मामले में लापरवाही या विमान रखरखाव में चूक सामने आती है, तो विपक्ष संसद में भी इस मुद्दे को उठाकर सरकार को घेरने की तैयारी में है। वहीं, पीड़ितों के परिजनों को मुआवज़े और जवाबदेही को लेकर भी आंदोलन की सुगबुगाहट है।
अहमदाबाद विमान हादसा सिर्फ एक तकनीकी त्रासदी नहीं, बल्कि एक राजनीतिक सवाल भी बनता जा रहा है — कि क्या भारत में कोई मंत्री नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देगा? अखिलेश यादव की पोस्ट ने इस बहस को और तेज कर दिया है।