जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मोदी सरकार बड़ा हमला बोला है। अखिलेश ने कृषि विधेयकों को किसान विरोधी बताया है। इतना ही नहीं अखिलेश ने मोदी सरकार के कृषि बिल पास कराए जाने को बीजेपी का पतन-पत्र बताया है।
अखिलेश ने रविवार को एक ट्वीट करते हुए बीजेपी की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने भाजपा ने कृषि बिल पारित कराने के लिए ‘ध्वनि मत’ की आड़ में राज्य सभा में किसानों व विपक्ष की आवाज़ का गला दबाया है व अपने कुछ चुनिंदा पूँजीपतियों व धन्नासेठों के लिए भारत की 2/3 जनसंख्या को धोखा दिया है। लोकतांत्रिक कपट कर भाजपा ने कृषि बिल नहीं; अपना ‘पतन-पत्र’ पारित कराया है।

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भाजपा ने कृषि बिल पारित कराने के लिए ‘ध्वनि मत’ की आड़ में राज्य सभा में किसानों व विपक्ष की आवाज़ का गला दबाया है व अपने कुछ चुनिंदा पूँजीपतियों व धन्नासेठों के लिए भारत की 2/3 जनसंख्या को धोखा दिया है।
लोकतांत्रिक कपट कर भाजपा ने कृषि बिल नहीं; अपना ‘पतन-पत्र’ पारित कराया है। pic.twitter.com/wfJjAoyGFW
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 20, 2020
बता दें कि किसानों के मुद्दे पर नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा लाये गए अध्यादेश के बाद केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा सरकार को बैक फुट पर ले आया। हालांकि उसने राज्यसभा में भी यह बिल पास करवा लिया लेकिन विपक्ष ने आज जिस तरह से सरकार को घेरा और नारेबाजी व हंगामा किया कि उसके बाद मोदी सरकार के छह वरिष्ठ मंत्रियों को एक साथ प्रेस कांफ्रेंस करते हुए अपनी सफाई देनी पड़ी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश में कृषि सुधार के दो महत्वपूर्ण विधेयकों – ‘कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020’ तथा ‘कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020’ का स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि दोनों विधेयक कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाने वाले सिद्ध होंगे। ये दोनों विधेयक पूर्ण रूप से कृषि और कृषकों के हित में हैं।
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इससे पूर्व कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में बिल पेश करते हुए कहा कि इन बिलों से किसानों के जीवन में बदलाव आयेगा। उन्होंने कहा कि दो बिल ऐतिहासिक हैं और किसानों के जीवन में बदलाव लाएंगे। किसान देश में कहीं भी अपनी उपज का स्वतंत्र रूप से व्यापार कर सकेंगे। मैं किसानों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि ये बिल न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित नहीं हैं।
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