Wednesday - 10 January 2024 - 7:42 AM

सात माह बाद बेटे से मिलकर भावुक हुए फारूख अब्दुल्ला

न्यूज डेस्क

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) प्रमुख फारूख अब्दुल्ला अपनी हिरासत खत्म होने के बाद पिछले सात महीने से हिरासत में रखे गए अपने बेटे उमर अब्दुल्ला से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेता भावुक नजर आए और एक दूसरे को गले लगा लिया।

पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला जनसुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में थे। शुक्रवार को उनकी रिहाई हुई। वह अपने आवास से नजदीक में ही हरि निवास पहुंचे जहां उनके बेटे तथा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को पीएसए के तहत पांच फरवरी से नजरबंद करके रखा गया है।

अधिकारियों के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री फारूख (82) ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से सात महीने बाद अपने बेटे से मुलाकात का अनुरोध किया था, जिसे प्रशासन ने स्वीकार कर लिया। दोनों की मुलाकात करीब एक घंटे चली।

गौरतलब है कि पिछले साल पांच अगस्त को केन्द्र सरकार ने तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य से विशेष दर्जा वापस ले लिया था, जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और एक और मुख्यमंत्री एवं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को हिरासत में ले लिया गया था।

इसके बाद 15 सितंबर को फारूक के खिलाफ पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया जबकि उनके बेटे उमर की ऐहतियातन हिरासत पांच फरवरी को खत्म हो रही थी लेकिन उससे कुछ ही घंटे पहले इसे छह महीने के लिये बढ़ा दिया गया था।

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रिहाई के तत्काल बाद फारूख अब्दुल्ला यहां गुपकार रोड स्थित अपने आवास से बाहर निकले। उन्होंने कहा कि उनके बेटे एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती तथा केन्द्र शासित क्षेत्र के अन्य जेलों में बंद नेताओं को तत्काल रिहा किया जाए।

अपने आवास के लॉन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्रर ने कहा, मैं आज आजाद हूं, लेकिन यह आजादी पूर्ण नहीं है। यह तभी पूरी होगी जब उमर, महबूबा मुफ्ती तथा जेलों में बंद अन्य नेताओं को रिहा किया जाएगा।

केंद्र शासित क्षेत्र के गृह सचिव शालीन काबरा के आदेश के अनुसार श्रीनगर के जिलाधिकारी द्वारा 15 सितम्बर को जारी पीएसए और फिर 13 दिसम्बर को इसकी अवधि तीन महीने के लिए बढ़ाए जाने को समाप्त कर दिया गया है।

नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख अब्दुल्ला को पीएसए के तहत हिरासत में लिया गया था। इस कानून के तहत प्रशासन किसी व्यक्ति को सुनवाई के बगैर तीन महीने तक हिरासत में रख सकता है। इसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। अधिकारियों ने बताया कि जिलाधिकारी शाहिद इकबाल चौधरी अब्दुल्ला के आवास पर गए और रिहाई का आदेश उन्हें सौंपा। वह पहले पूर्व मुख्यमंत्री हैं, जिनके खिलाफ पीएसए लगाया गया था।

फारूख ने कहा कि मैं हर उस व्यक्ति का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने हमारे लिए प्रार्थनाए कीं….शेष लोगों के रिहा होने तक मैं किसी राजनीतिक मामले पर बात नहीं करूंगा।

रिहाई के बाद अब्दुल्ला यहां हजरतबल में डल झील के किनारे बनी अपने पिता शेख अब्दुल्ला की कब्र पर गए। इस दौरान उन्होंने काला कुर्ता पहना हुआ था और पारंपरिक काराकुली टोपी पहनी थी। इसके अलावा आंखों पर काला चश्मा था। पिता की कब्रगाह पर वह थोड़ी देर ठहरे।

इस दौरान उनकी पत्नी मौली अब्दुल्ला, बेटी सफिया और पौत्र अदीम सहित परिवार के अन्य सदस्य उनके साथ थे। उन्होंने उम्मीद जताई कि वह संसद सत्र में शामिल होंगे, ताकि लोगों की आवाज उठा सकें।

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