Wednesday - 15 October 2025 - 10:58 AM

अयोध्या में महंत से मुलाकात के बाद सपा ने मुस्कान मिश्रा को पद से हटाया, मचा सियासी हलचल

जुबिली न्यूज डेस्क 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से जुड़ी एक चौंकाने वाली घटना ने सियासी हलचल मचा दी है। पार्टी की महिला इकाई ‘समाजवादी महिला सभा’ की राष्ट्रीय सचिव मुस्कान मिश्रा को अचानक उनके पद से हटा दिया गया है। मुस्कान को यह जिम्मेदारी महज तीन महीने पहले जुलाई में सौंपी गई थी, लेकिन अयोध्या में हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास से मुलाकात पार्टी को नागवार गुजरी।

कौन हैं मुस्कान मिश्रा?

लखनऊ की रहने वाली 22 वर्षीय मुस्कान मिश्रा एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं। उनके इंस्टाग्राम अकाउंट  पर 6.68 लाख फॉलोअर्स हैं।वे अक्सर समाजवादी पार्टी की नीतियों को प्रमोट करने वाली रील्स और वीडियो पोस्ट करती हैं। जुलाई में पार्टी ने उन्हें डिजिटल प्लेटफॉर्म पर युवा वोटरों को जोड़ने की जिम्मेदारी दी थी।

 महंत राजू दास से मुलाकात बनी विवाद 

रविवार को अयोध्या यात्रा के दौरान मुस्कान का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेती नजर आईं।यह वीडियो प्रतापगढ़ के व्यवसायी सूरज पांडेय ने इंस्टाग्राम पर शेयर किया था। वीडियो वायरल होते ही सपा कार्यकर्ताओं में नाराजगी फैल गई, क्योंकि महंत राजू दास ने पहले सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

महंत राजू दास का पुराना विवाद

महाकुंभ मेले के दौरान महंत राजू दास ने मुलायम सिंह यादव की मूर्ति पर अभद्र टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने ‘कठमुल्ला’ जैसे अपशब्दों का इस्तेमाल किया था।सपा ने तब इसका जोरदार विरोध किया था।ऐसे में मुस्कान मिश्रा की मुलाकात को पार्टी ने ‘नेताजी के अपमान का समर्थन’ माना और तुरंत कार्रवाई की।

जूही सिंह का सख्त आदेश: “तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाता है”

सपा महिला सभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष जूही सिंह ने सोमवार को एक आदेश जारी कर मुस्कान को उनके पद से मुक्त कर दिया।पत्र में लिखा गया —“आपको तत्काल प्रभाव से समाजवादी महिला सभा के राष्ट्रीय सचिव पद से मुक्त किया जाता है। नेताजी हम सबके प्रेरणा स्रोत थे और रहेंगे।”बताया जा रहा है कि फैसला कुछ ही घंटों में ले लिया गया, जो पार्टी की सख्ती को दिखाता है।

पहले भी जताई थी नाराजगी

मुस्कान मिश्रा ने करीब एक महीने पहले जूही सिंह को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि उन्हें राष्ट्रीय सचिव बनने के बाद भी पार्टी में उचित सम्मान नहीं मिल रहा।
हालांकि, इस बार का विवाद इतना गहरा था कि पार्टी ने कोई सफाई सुने बिना ही कार्रवाई कर दी।

मुस्कान मिश्रा की सफाई: “मुझे जानकारी नहीं थी”

निष्कासन के बाद मुस्कान मिश्रा ने एक इंटरव्यू में कहा —“मुझे महंत राजू दास के बयानों की पूरी जानकारी नहीं थी। मैं सिर्फ आशीर्वाद लेने गई थी। पद चला गया लेकिन मैं समाजवादी पार्टी की एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में काम करती रहूंगी।”

उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई —
कुछ लोगों ने इसे सपा की ‘हिंदू विरोधी छवि’ से जोड़ा, तो कुछ ने कहा कि पार्टी लाइन का पालन न करने पर कार्रवाई सही है।

सोशल मीडिया पर दो धड़े बन गए

  • एक वर्ग का कहना है कि सपा का यह कदम मुस्कान जैसी युवा चेहरों को दूर कर सकता है, जो पार्टी की डिजिटल मौजूदगी मजबूत कर रहे थे।

  • वहीं, दूसरे पक्ष का मानना है कि नेताजी के सम्मान पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।

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