जुबिली स्पेशल डेस्क
उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ से विधायक अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता बहाल कर दी गई है। विधानसभा सचिवालय ने सोमवार को इसका आदेश जारी किया।
हेट स्पीच केस में सजा
अब्बास अंसारी को एमपी-एमएलए कोर्ट ने हेट स्पीच मामले में तीन साल की सजा सुनाई थी। इसी आधार पर उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी।
हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
अब्बास ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद निचली अदालत का फैसला निरस्त कर दिया और उन्हें राहत प्रदान की। अदालत के इस फैसले के बाद विधानसभा सचिवालय ने आदेश जारी कर कहा कि अब्बास अंसारी को मऊ विधानसभा क्षेत्र का वैध सदस्य माना जाएगा।
अब्बास अंसारी उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक चर्चित चेहरा हैं। वह मऊ से विधायक हैं और अपने पिता, देश के कुख्यात बाहुबली नेता और पूर्व सांसद मुख्तार अंसारी की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। मुख्तार अंसारी का नाम अपराध और राजनीति के गठजोड़ की चर्चाओं में लंबे समय से गूंजता रहा है।
अब्बास भी विवादों से दूर नहीं रहे हैं। उनके खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें हाल का हेट स्पीच केस भी शामिल है। बावजूद इसके, मऊ की जनता ने उन्हें विधायक चुना और वह सपा के टिकट पर विधानसभा पहुंचे।
अब्बास अंसारी की सदस्यता बहाली को समाजवादी पार्टी के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है। यह फैसला न केवल मऊ विधानसभा क्षेत्र में उनकी सियासी पकड़ मजबूत करेगा, बल्कि प्रदेश की राजनीति में भी नए समीकरण खड़े कर सकता है।
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