
पॉलीटिकल डेस्क
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद उनके उत्तराधिकारी को लेकर चल रही बहस के बीच आखिरकार देर रात बीजेपी युवा नेता प्रमोद सावंत ने मुख्यमंत्री की शपथ ली। दरअसल पर्रिकर के निधन से बीजेपी के सामने सहयोगी दलों को मनाने के साथ अपने विधायकों को भी बचाने की चुनौती थी। हालांकि बीजेपी सरकार बनाने में कामयाब हो गई है लेकिन विधानसभा में बहुमत साबित करने की परीक्षा अभी बाकी है।
40 विधानसभा सीटों वाले गोवा में 2017 में चुनाव हुए थे, जब बीजेपी बहुमत से दूर थी और गठबंधन के सहारे सत्ता में आई थी। लेकिन, मनोहर पर्रिकर के निधन से बीजेपी को बड़ा झटका लगा था। उनके उत्तराधिकारी को चुनने के लिए पूरे दिन बैठकों का दौर चला। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से लेकर वरिष्ठ मंत्री नितिन गडकरी ने कई बैठकें की और तब जाकर रात दो बजे बीजेपी के युवा नेता प्रमोद सावंत ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ 11 मंत्रियों ने भी शपथ ली। वहीं सहयोगी दलों महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी के सुदीन धावलीकार और गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विजय सरदेसाई ने उपमुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ली।
मालूम हो कि 40 विधानसभा सीटों वाले गोवा में 2017 में चुनाव हुए थे। बीजेपी को बहुमत नहीं मिला था लेकिन गठबंधन के सहारे बीजेपी वहां सरकार बनाने में कामयाब हो गई थी। लेकिन पर्रिकर के निधन से गोवा में सियासी समीकरण बिगडऩे लगा था। 14 विधायकों वाली कांग्रेस ने सोमवार को राज्यपाल को खत लिख कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था कि भाजपा के पास बहुमत नहीं है यही कारण है कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते कांग्रेस को सरकार बनाने का मौका मिले। भाजपा के सामने भी गठबंधन के साथियों को मनाने का संकट था, जिसमें वह कामयाब रही।
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