Monday - 8 December 2025 - 3:47 PM

वंदे मातरम् पर लोकसभा में गरमा-गरमी, गोगोई का PM मोदी पर पलटवार

जुबिली न्यूज डेस्क

नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र में सोमवार को वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंडित जवाहरलाल नेहरू संबंधी बयान के बाद कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कड़ा जवाब दिया और बीजेपी-आरएसएस के “राजनीतिक पूर्वजों” पर सवाल उठाए।

“भारत छोड़ो आंदोलन के समय BJP के राजनीतिक पूर्वज कहां थे?” — गोगोई

गोगोई ने कहा:“जब ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ हो रहा था, तब BJP के राजनीतिक पूर्वज कहां थे? इतिहास में दर्ज है कि इन्होंने उस आंदोलन में भाग न लेने की बात कही थी।”

उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् ब्रिटिश शासन के खिलाफ गूंजने वाला नारा था और इसका उद्देश्य अंग्रेजी हुकूमत को चुनौती देना था।“मैं जानना चाहता हूं—आपके राजनीतिक पूर्वजों ने ब्रिटिश हुकूमत का कब विरोध किया? वंदे मातरम् की उस मंशा को उन्होंने कब पूरा किया?”

“1937 में कांग्रेस ने वंदे मातरम् को राष्ट्रीय सभाओं में गाने का निर्णय लिया”—गोगोई

कांग्रेस उपनेता ने ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए कहा:

  • 1937 में कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने तय किया था कि हर राष्ट्रीय सभा में वंदे मातरम् गाया जाएगा

  • मुस्लिम लीग और हिंदू महासभा ने इसकी आलोचना की

  • इसके बावजूद कांग्रेस ने अपना निर्णय जारी रखा

गोगोई बोले:“कांग्रेस किसी मुस्लिम लीग या हिंदू महासभा के दबाव में नहीं चलती, वह भारत की जनता के साथ चलती है।”

कवि-लेखकों ने दी स्वतंत्रता सेनानियों को शक्ति: गोगोई

उन्होंने राष्ट्रगीतों, नारों और कविताओं के महत्व पर कहा:

  • वंदे मातरम्

  • Where the mind is without fear

  • झंडा ऊंचा रहे हमारा

  • इंकलाब जिंदाबाद

  • सरफ़रोशी की तमन्ना

  • करो या मरो

  • जय हिंद

इन सभी ने स्वतंत्रता सेनानियों को अंग्रेजों के जुल्म के खिलाफ खड़ा होने की ताकत दी।

उन्होंने बताया कि:

  • मंगल पांडे के विद्रोह के बाद देश बेचैनी में था

  • बंकिम चटर्जी ने 1872 में वंदे मातरम् की पहली दो पंक्तियां लिखीं

  • 9–10 साल बाद आनंदमठ आया, जिसमें गीत पूरा हुआ

  • उस समय किसानों पर ईस्ट इंडिया कंपनी के भारी करों ने जीवन कठिन बना दिया था

PM मोदी ने नेहरू पर उठाए सवाल

प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में कहा:

  • नेहरू ने लिखा था कि आनंदमठ का बैकग्राउंड मुसलमानों को परेशान कर सकता है

  • मुस्लिम लीग वंदे मातरम् का कड़ा विरोध कर रही थी

  • जिन्ना ने 1937 में इसके खिलाफ नारे लगाए

  • नेहरू ने इसकी “जांच” का फैसला किया

  • कांग्रेस ने 26 अक्टूबर को वंदे मातरम् के प्रयोग पर समझौता किया

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मोदी बोले:“कांग्रेस ने वंदे मातरम् को दो हिस्सों में बांट दिया। यह मुस्लिम लीग को खुश करने का तरीका था। कांग्रेस आज भी वही राजनीति करती है। इसलिए वह ‘मुस्लिम लीग कांग्रेस’ बन गई है।” मोदी ने कहा कि कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियां लगातार वंदे मातरम् को विवादास्पद बनाने की कोशिश करती रही हैं।

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