Saturday - 6 December 2025 - 10:30 AM

दिल्ली में हवा सबसे जहरीली, शिमला से 13 गुना खराब

जुबिली स्पेशल डेस्क

नई दिल्ली। दिल्ली–एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई शहर गंभीर वायु प्रदूषण से जूझ रहे हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, शनिवार सुबह दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 384 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में शामिल है। राजधानी के ITO से लेकर पंजाबी बाग तक धुंध और प्रदूषण की परत साफ दिख रही है।

नोएडा में स्थिति और बदतर है, जहां AQI 418 तक पहुंच गया है। गाजियाबाद का स्तर 379, गुरुग्राम का 361 और फरीदाबाद का 402 दर्ज किया गया, जो हवा की अत्यंत खराब स्थिति को दर्शाता है।

दिल्ली–एनसीआर के अलावा अन्य बड़े शहर भी प्रदूषण की मार झेल रहे हैं। लखनऊ में AQI 355 दर्ज हुआ, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 251 और चंडीगढ़ में 313 का AQI रिकॉर्ड किया गया, जो स्पष्ट रूप से खराब वायु गुणवत्ता को दर्शाता है।

Pollution Measurement Centre AQI
नई दिल्ली 388 
ITO दिल्ली 342
द्वारका 262
पंजाबी बाग  347
सिरीफोर्ट  342
लोधी रोड 302
आरके पुरम 363

सर्दियों में दिल्ली बन जाती है ‘गैस चैंबर’

दिल्ली में सर्दी के मौसम में हवा बेहद जहरीली हो जाती है और यह स्थिति नई नहीं है। हर साल अक्टूबर से जनवरी के बीच राजधानी के लोगों को भारी प्रदूषण वाली हवा में सांस लेने के लिए मजबूर होना पड़ता है। यही कारण है कि दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में लगातार शीर्ष पर बनी रहती है।

AQI कैसे होता है वर्गीकृत?

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को छह श्रेणियों में बांटा जाता है

  • 0 से 50: अच्छा

  • 51 से 100: संतोषजनक

  • 101 से 200: मध्यम

  • 201 से 300: खराब

  • 301 से 400: बहुत खराब

  • 401 से 500: गंभीर

आने वाले दिनों में प्रदूषण की स्थिति कैसी रहेगी?

वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली का अनुमान है कि दिल्ली में अगले कुछ दिनों तक वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में ही बनी रह सकती है। दिल्ली एयर क्वालिटी मैनेजमेंट की निर्णय समर्थन प्रणाली (DSS) के मुताबिक, गुरुवार को राजधानी के कुल प्रदूषण में परिवहन क्षेत्र का योगदान 13.7% रहा, जो स्थानीय स्रोतों में सबसे अधिक है।

एनसीआर के आसपास के जिलों ने भी प्रदूषण बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई—

  • झज्जर: 11.8%

  • रोहतक: 4.3%

  • सोनीपत: 3.4%

  • गुरुग्राम: 1.2%

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी

विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ता प्रदूषण सांस संबंधी समस्याओं, अस्थमा, एलर्जी और हृदय रोगों का खतरा बढ़ा देता है। लोगों को बाहर निकलते समय मास्क पहनने, भीड़भाड़ वाले इलाकों में कम जाने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।

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