जुबिली स्पेशल डेस्क
दिल्ली में लाल किला धमाके के सिर्फ 10 दिन बाद राजधानी में एक और गंभीर साजिश का खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसके नेटवर्क की कड़ियाँ पाकिस्तान, चीन और तुर्किए तक फैली हुई बताई जा रही हैं। पुलिस के अनुसार, इस पूरे ऑपरेशन के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की सक्रिय भूमिका रही है।
चार तस्कर गिरफ्तार, उन्नत हथियार बरामद
क्राइम ब्रांच ने इस मामले में गिरोह के चार अहम सदस्यों—मंदीप, दलविंदर, रोहन और अजय—को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 10 हाई-टेक सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टलें और 92 जिंदा कारतूस बरामद किए गए। इनमें तुर्किए में बनी PX-5.7 और चीन में निर्मित PX-3 पिस्टलें शामिल हैं, जिन्हें आम तौर पर विशेष सुरक्षा बलों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।
हथियार तस्करी का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क
जांच से पता चला है कि ये हथियार पहले तुर्किए और चीन से पाकिस्तान भेजे जाते थे। वहां से ISI के सहयोग से इन्हें ड्रोन के माध्यम से भारत में, खासकर पंजाब के रास्ते, तस्करी किया जाता था। इसके बाद उन्हें दिल्ली सहित उत्तर भारत के विभिन्न अपराधी गिरोहों तक पहुँचाया जाता था। पुलिस के अनुसार यह नेटवर्क बेहद संगठित तरीके से काम कर रहा था और देश में अस्थिरता फैलाना इसका उद्देश्य था।
जांच तेज कौन-कौन जुड़े हैं इस नेटवर्क से?
पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि गिरोह ने अब तक कितने हथियार भारत में सप्लाई किए और किन-किन गैंगों तक पहुँचे। इसके लिए मोबाइल डेटा, बैंकिंग रिकॉर्ड, सोशल मीडिया संचार और डिजिटल फॉरेंसिक तकनीकों का सहारा लिया जा रहा है। शुरुआती जांच में कई स्थानीय अपराधियों की संलिप्तता के संकेत मिले हैं।
अधिकारियों का कहना है कि गिरफ्तार आरोपी मुख्यतः हथियारों की डिलीवरी और परिवहन का काम संभालते थे, जबकि पूरी तस्करी की रूपरेखा पाकिस्तान से संचालित होती थी।
क्राइम ब्रांच का दावा-बड़ा नेटवर्क ध्वस्त
पुलिस का मानना है कि इस कार्रवाई से ISI समर्थित अंतरराष्ट्रीय हथियार सप्लाई चेन को बड़ा झटका लगा है। एजेंसियाँ अब पूरे नेटवर्क को समाप्त करने और इसमें जुड़े सभी लोगों तक पहुँचने के लिए व्यापक अभियान चला रही हैं।
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