जुबिली स्पेशल डेस्क
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने बड़ा झटका दिया है। ज़ेलेंस्की ने शनिवार (22 नवंबर) को ट्रंप के शांति प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि “हम अपने देश से गद्दारी नहीं कर सकते।”
इसके बाद ट्रंप ने भी साफ़ बयान दिया कि अमेरिका के लिए यूक्रेन की लगातार मदद जारी रखना संभव नहीं है। बताया जा रहा है कि ट्रंप ने रूस के साथ मिलकर यूक्रेन युद्ध को जल्द समाप्त करने के लिए एक गोपनीय मसौदा तैयार किया था, जिसे उन्होंने ज़ेलेंस्की तक पहुंचाया था।
हालांकि प्रस्तावित ड्राफ्ट की शर्तें सार्वजनिक नहीं की गईं, लेकिन माना जा रहा है कि इसमें यूक्रेन से मांग की गई थी कि वह रूस के कब्जे वाले दोनेत्स्क और लुहांस्क पर अपना स्थायी दावा छोड़ दे। इसके अलावा ट्रंप की योजना में यूक्रेन से संविधान में संशोधन कर नाटो सदस्यता न लेने का वादा करने के लिए भी कहा गया था।
ट्रंप ने क्या कहा था?
सीएनएन के अनुसार, ओवल ऑफिस में प्रेस से बात करते हुए ट्रंप ने संकेत दिया था कि शांति समझौते की दिशा में प्रगति हो रही है।
उन्होंने कहा “हमें लगता है कि हमारे पास शांति स्थापित करने का एक तरीका है। उन्हें (ज़ेलेंस्की) इसकी मंजूरी देनी होगी। वे काफ़ी करीब पहुंच रहे हैं, लेकिन मैं कोई भविष्यवाणी नहीं करना चाहता।” उनके इस बयान के बाद अमेरिका की नई शांति योजना पर चर्चाएँ और तेज़ हो गई थीं।
ज़ेलेंस्की ने क्या कहा?
अल जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को ज़ेलेंस्की ने कीव में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यूक्रेन अपने इतिहास के सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि देश को एकजुट रहने की जरूरत है और वह यूक्रेन की गरिमा और स्वतंत्रता से किसी भी तरह का समझौता नहीं करेंगे।
ज़ेलेंस्की ने कहा
“यह हमारे इतिहास के सबसे कठिन क्षणों में से एक है। हमारे सामने या तो अपनी गरिमा खोने या एक प्रमुख सहयोगी को खोने का जोखिम है।” उन्होंने आगे कहा कि वह चौबीसों घंटे इस बात के लिए संघर्ष करेंगे कि शांति योजना के दो मूल सिद्धांतों यूक्रेनियों की गरिमा और हमारी स्वतंत्रतासे कोई समझौता न हो।
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