जुबिली स्पेशल डेस्क
आंध्र प्रदेश-छत्तीसगढ़ बॉर्डर के पास जंगल में सुरक्षाबलों और नक्सलियों
के बीच जोरदार मुठभेड़ की सूचना है और इस दौरान सुरक्षाबलों को उस समय बड़ी कामयाबी मिली जब शीर्ष नक्सली कमांडर मादवी हिडमा और उसकी पत्नी को गोली मारकर मौत की नींद सुला दी गई।
आंध्र प्रदेश के अल्लूरी जिले और छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षाबलों ने माओवादियों की धरपकड़ और तलाशी अभियान जोरों पर चलाया जा रहा है और इसी दौरान शीर्ष नक्सली कमांडर मादवी हिडमा और उसकी पत्नी को मुठभेड़ में मार गिराया गया है।
बताया जा रहा है कि सर्च ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी, इसके बाद जवाबी कार्रवाई में उसे मार गिराया है।
सुकमा का खतरनाक नक्सली कमांडर हिडमा ढेर
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पुवर्ती इलाके में 1981 में जन्मे हिडमा ने बहुत कम उम्र में ही माओवादी संगठन से जुड़कर कमांडर का पद संभाला। वह 2013 के दरभा घाटी नरसंहार का मुख्य साजिशकर्ता था, जिसमें कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता समेत 27 लोग शहीद हुए थे। इसके अलावा 2017 में सुकमा में CRPF पर हुए घातक हमले में भी उसका अहम रोल था, जिसमें 25 जवान शहीद हुए थे। हिडमा ने कम से कम 26 बड़े हमलों की योजना बनाई और उन्हें अंजाम दिया। उस पर एक करोड़ का इनाम था।
सूत्रों के अनुसार हिडमा की पत्नी भी नक्सली संगठन में सक्रिय थी और कई ऑपरेशनों में शामिल रही। सुरक्षाबलों को लंबे समय से उसकी गतिविधियों की जानकारी थी। ताजा मुठभेड़ में जंगल में घेरा डालकर ऑपरेशन किया गया, जिसमें जवाबी फायरिंग में हिडमा और उसकी पत्नी ढेर हो गए।
माओवादी संगठन को बड़ा झटका
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि हिडमा की मौत से माओवादी संगठन को बड़ा नुकसान होगा। वह संगठन का प्रमुख रणनीतिकार था और दक्षिण बस्तर में उसकी पकड़ सबसे मजबूत मानी जाती थी। उसकी मौत से माओवादियों का नेटवर्क कमजोर होगा और जंगलों में उनकी गतिविधियों पर नियंत्रण आसान होगा।
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