Friday - 14 November 2025 - 3:03 PM

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: एनडीए की ऐतिहासिक बढ़त, पीएम मोदी शाम 6 बजे करेंगे कार्यकर्ताओं को संबोधित

जुबिली न्यूज डेस्क

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए ऐतिहासिक जीत की ओर बढ़ रहा है। शुरुआती रुझानों में भाजपा–जद(यू) गठबंधन को भारी समर्थन मिला है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 6 बजे दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। बीजेपी और जद(यू) के दफ्तरों में जश्न का माहौल है—ढोल-नगाड़ों की थाप, मिठाइयों की मिठास और पटाखों की आवाज़ बताती है कि एनडीए आराम से बढ़त बनाए हुए है।

नीतीश–मोदी की जोड़ी फिर चली

नीतीश कुमार और पीएम नरेंद्र मोदी की जोड़ी ने इस चुनाव में खास भूमिका निभाई।

  • नीतीश कुमार को जनता ‘सुशासन बाबू’ के रूप में पहचानती है।

  • दो दशक के नेतृत्व के बाद यह चुनाव उनके शासन मॉडल की अग्निपरीक्षा थी।

  • पीएम मोदी और नीतीश कुमार ने संयुक्त रैलियों में विकास, सामाजिक योजनाओं और स्थिरता का संदेश दिया—जिसका स्पष्ट असर परिणामों में दिख रहा है।

एनडीए की बड़ी बढ़त – सीट अनुसार रुझान

ताज़ा रुझानों के अनुसार एनडीए करीब 197 सीटों पर आगे है:

एनडीए (कुल 197 सीटों पर बढ़त)

  • बीजेपी – 90

  • जेडीयू – 80

  • एलजेपी – 20

  • एचएएम – 3

  • आरएलएम – 4

विपक्ष

  • आरजेडी – 28

  • कांग्रेस – 4

  • CPI(ML) – 4

  • CPI(M) – 1

अन्य

  • AIMIM – 5

  • बीएसपी – 1

इन आंकड़ों से साफ है कि एनडीए आराम से बहुमत के आंकड़े से बहुत आगे निकल चुका है।

शांतिपूर्ण मतदान—पहली बार रिपोलिंग की जरूरत नहीं

2025 का चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक रहा।

  • राज्य में कहीं भी रिपोलिंग की जरूरत नहीं पड़ी,

  • 1985, 1990 और 1995 जैसे चुनावों में हिंसा और दोबारा मतदान आम बात थी।

एनडीए ने इसे बेहतर कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक सुधारों का परिणाम बताया है।

ग्रामीण बिहार ने एनडीए को दिया बड़ा समर्थन

बिहार की 89% ग्रामीण आबादी ने इस चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाई।

  • नीतीश कुमार की पंचायत स्तर तक पहुंची विकास योजनाएँ

  • पीएम मोदी के कल्याणकारी कार्यक्रम

  • सड़क, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार

इन सबने एनडीए को ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में मज़बूती दी।

नीतीश कुमार: चार दशक की राजनीति का बड़ा मुकाम

नीतीश कुमार की राजनीतिक यात्रा लंबी और प्रभावशाली रही है:

  • 1970 के जेपी आंदोलन से राजनीतिक शुरुआत

  • पिछड़े वर्गों की राजनीति में उभार

  • बिहार में कानून-व्यवस्था की बहाली

  • ग्रामीण बुनियादी ढांचे में बड़े सुधार

  • योजनाओं द्वारा सीधे लाभ पहुंचाकर जनता में भरोसा

इस चुनाव में उनकी छवि और कार्यशैली को फिर एक बार जनता का मजबूत समर्थन मिला है।

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