- NIA ने मांगा अल फलाह यूनिवर्सिटी से रिकॉर्ड
जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली।दिल्ली ब्लास्ट मामले में हर दिन नई और चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, धमाका करने वाले शख्स की पहचान उमर नबी के रूप में हुई है। जांच एजेंसियों को मिले डीएनए सैंपल उमर के परिजनों से 100 प्रतिशत मेल खा गए हैं। बताया जा रहा है कि कार से मिले हड्डियों, दांतों और कपड़ों के टुकड़ों से डीएनए टेस्ट किया गया था, जो उमर की मां और भाई के डीएनए से पूरी तरह मैच कर गया।
तुर्की के अंकारा से था संपर्क
सूत्रों के अनुसार, उमर नबी तुर्की की राजधानी अंकारा में बैठे अपने हैंडलर के संपर्क में था, जिसका कोडनेम “UKasa” बताया जा रहा है। दोनों के बीच बातचीत सेशन ऐप के जरिए होती थी। मार्च 2022 में उमर और फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़े कुछ अन्य आरोपी भारत से अंकारा गए थे, जहां उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलर से मुलाकात की थी। वहीं से इनका ब्रेनवॉश किया गया था। इस मामले में अब NIA तुर्की के दूतावास से सहयोग मांगने की तैयारी में है।
रहस्यमय थी उमर की जिंदगी
परिवार और पड़ोसियों के मुताबिक, उमर एक शांत और पढ़ाकू युवक था, जिसे क्रिकेट खेलने और बच्चों के साथ वक्त बिताने का शौक था। लेकिन पिछले कुछ सालों से वह रहस्यमय तरीके से जिंदगी जी रहा था — महीनों तक घर से दूर रहना, फोन बंद रखना और अचानक गायब हो जाना उसकी आदत बन चुकी थी।
सूत्रों का कहना है कि उसने सोमवार को घर लौटने का वादा किया था, लेकिन उससे पहले ही दिल्ली धमाके ने राजधानी को हिला दिया।
मस्जिद में गया था, लाल किले की पार्किंग में रुका रहा
जांच एजेंसियों को CCTV से पता चला है कि ब्लास्ट से पहले उमर कमला मार्केट थाना क्षेत्र स्थित एक मस्जिद गया था, जहां करीब 10 मिनट तक रुका।
इसके बाद वह दोपहर 3:19 बजे लाल किला पार्किंग में अपनी i20 कार लेकर पहुंचा और करीब तीन घंटे से ज्यादा (6:28 बजे तक) वहीं रुका रहा। इस दौरान वह कार से बाहर नहीं निकला। इसी कार में ब्लास्ट हुआ, जिसमें अब तक 9 लोगों की मौत और कई घायल हो चुके हैं।
अल फलाह यूनिवर्सिटी से मांगे दस्तावेज
इधर, फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़े केस में जांच एजेंसियों ने अल फलाह यूनिवर्सिटी से कई अहम दस्तावेज मांगे हैं। इनमें डॉ. उमर, डॉ. मुजम्मिल, और डॉ. शाहीन शाहिदा से संबंधित रिकॉर्ड शामिल है।
एजेंसियों ने यूनिवर्सिटी से निम्न दस्तावेज मांगे हैं —
- यूनिवर्सिटी की भूमि और ट्रस्ट से जुड़े कागजात
- सरकारी NOC और बिल्डिंग प्लान
- नेशनल मेडिकल कमीशन और UGC से जुड़े रिकॉर्ड
- यूनिवर्सिटी एक्ट से संबंधित दस्तावेज
बताया जा रहा है कि अल फलाह यूनिवर्सिटी का कैंपस करीब 54 एकड़ में फैला है, और जांच एजेंसियां अब इसके प्रशासनिक और वित्तीय लेनदेन की भी गहराई से जांच कर रही हैं।
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