जुबिली स्पेशल डेस्क
मुंबई। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के वरिष्ठ नेता संजय राउत के एक बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल ला दिया है। राउत ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को निर्देश दिया है कि नगर निगम चुनावों के बाद अपनी पार्टी का बीजेपी में विलय कर दें।
राउत ने कहा कि जैसे-जैसे सुप्रीम कोर्ट में चल रहे शिवसेना और उसके चुनाव चिह्न “धनुष-बाण” को लेकर मामले की सुनवाई करीब आती है, वैसे-वैसे शिंदे डर के कारण दिल्ली जाकर मोदी और शाह से मुलाकात करते हैं। “अमित शाह और मोदी ने शिंदे को सुझाव दिया है कि महानगरपालिका चुनावों के बाद अपनी पार्टी को बीजेपी में मिला दो। उन्हें खुद भी एहसास है कि कोर्ट में उनका पक्ष टिकने वाला नहीं है,”

राउत ने कहा कि इस मामले पर दुनिया की नजरें भारत की न्याय प्रणाली और संविधान पर टिकी हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ गया, तो लोगों का भारतीय संविधान और न्याय व्यवस्था से भरोसा हिल जाएगा।
क्या है पूरा मामला?
यह विवाद 2022 में शुरू हुआ था, जब शिवसेना दो गुटों में बंट गई थी।
एक गुट उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में और दूसरा एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में।
दोनों ही गुटों ने पार्टी के नाम और “धनुष-बाण” चुनाव चिन्ह पर अपना दावा किया था। 2023 में चुनाव आयोग ने बहुमत के आधार पर पार्टी का नाम और चिन्ह शिंदे गुट को सौंप दिया था।
इस फैसले को उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। अब सुप्रीम कोर्ट 12 नवंबर 2025 को इस मामले की सुनवाई करने वाला है, जो महाराष्ट्र की राजनीति के लिए बेहद अहम मानी जा रही है।
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