Saturday - 25 October 2025 - 11:12 AM

महाराष्ट्र की सियासत में फडणवीस के बयान से हलचल, कांग्रेस और NCP ने कसा तंज

जुबिली न्यूज डेस्क

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) का हालिया बयान — “दिल्ली अभी दूर है” — राज्य की सियासत में नई हलचल पैदा कर गया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता फडणवीस ने यह टिप्पणी कुछ दिनों पहले पत्रकारों से बातचीत के दौरान की थी। उनके इस बयान के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।

राजनीतिक गलियारों में माना जा रहा है कि फडणवीस ने इस एक लाइन में दो बड़े संदेश दिए हैं —
पहला, यह कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद पर आगामी चुनाव तक बने रहेंगे;
दूसरा, वह यह संकेत देना चाहते हैं कि वह अभी केंद्र की राजनीति में नहीं जा रहे, बल्कि राज्य में ही सक्रिय रहेंगे।

कांग्रेस का पलटवार: ‘यह शिंदे को अप्रत्यक्ष संदेश’

फडणवीस के बयान पर महाराष्ट्र कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा,“यह उन लोगों के लिए अप्रत्यक्ष संदेश है जो मुख्यमंत्री पद की ओर नजर गड़ाए हुए हैं। सीएम सीधे एकनाथ शिंदे से यह बात नहीं कह सकते, इसलिए उन्होंने यह बात घुमा कर कही है।”

सावंत ने दावा किया कि यह बयान फडणवीस की अपनी पार्टी के उन नेताओं के लिए भी है जो भविष्य की संभावनाओं पर नजर रखे हुए हैं।उन्होंने यह भी याद दिलाया कि मुख्यमंत्री ने हाल ही में कहा था,“न तो कोई नया सहयोगी होगा और न ही मौजूदा सहयोगियों का चेहरा बदलेगा।”

NCP (SP) का बयान: ‘शिंदे और अजित पवार दोनों के सपनों पर पानी’

फडणवीस के बयान पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने चुटकी ली।
उन्होंने कहा,“फडणवीस का यह बयान उपमुख्यमंत्रियों एकनाथ शिंदे और अजित पवार दोनों के लिए झटका है। यह उनके मुख्यमंत्री बनने के सपनों को चकनाचूर करने वाला संदेश है।”क्रैस्टो ने कहा कि मौजूदा हालात देखकर यह कहावत याद आती है — “मक्खी मारने” जैसी स्थिति हो गई है।

शिंदे और अजित के खेमों में हलचल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फडणवीस के बयान ने महा-यूति गठबंधन (Mahayuti Alliance) के भीतर हलचल मचा दी है।एक शिंदे गुट के नेता ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा,“राजनीति में कुछ भी हो सकता है। आज नहीं तो कल शिंदे जी फिर मुख्यमंत्री बनेंगे।”

वहीं, अजित पवार खेमे के नेताओं ने दावा किया कि“अजित दादा ऊर्जावान और व्यावहारिक नेता हैं। राजनीति में संख्या बल मायने रखता है। बहुमत जिस दल के पास हो, वही मुख्यमंत्री पद तय करता है।”

क्या संकेत है ‘दिल्ली अभी दूर है’ का?

राज्य की राजनीति पर नज़र रखने वाले विश्लेषकों का मानना है कि फडणवीस का यह बयान कई स्तरों पर राजनीतिक संदेश देता है।

  • एक ओर उन्होंने शिंदे और पवार को संकेत दिया कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कोई बदलाव नहीं होने वाला।

  • दूसरी ओर, उन्होंने अपनी पार्टी के भीतर यह स्पष्ट किया कि फिलहाल उनका ध्यान दिल्ली नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की सियासत पर केंद्रित है।

गठबंधन की स्थिति

वर्तमान में महाराष्ट्र की महायुति सरकार में तीन दल शामिल हैं —

  1. भारतीय जनता पार्टी (BJP)

  2. शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट)

  3. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट)

शिंदे ने वर्ष 2022 में उद्धव ठाकरे से अलग होकर अपनी पार्टी बनाई थी। उस समय वह मुख्यमंत्री बने, जबकि फडणवीस उपमुख्यमंत्री रहे। 2024 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 132 सीटें जीतकर बढ़त हासिल की, जिसके बाद देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने और शिंदे व अजित पवार उपमुख्यमंत्री की भूमिका में हैं।

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