जुबिली स्पेशल डेस्क
दिवाली की रौनक के बाद देश की हवा एक बार फिर ज़हरीली हो चली है। राजधानी दिल्ली से लेकर मुंबई, कोलकाता और पटना तक वायु गुणवत्ता का स्तर खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है। त्योहार की चमक के बीच फूटे पटाखों ने आसमान में ऐसा धुआं घोला कि कई शहरों में सुबह-सुबह मास्क और खांसी की वापसी हो गई।
दिल्ली का दम घुटा, 35 में से 32 स्टेशन ने पार किया 300 का आंकड़ा
दिल्ली में मंगलवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 354 तक पहुंच गया। कई इलाकों में हालात इतने बिगड़े कि मीटर ने “गंभीर” श्रेणी पार कर दी। बवाना (427), वज़ीरपुर (408), जहांगीरपुरी (407) और बुराड़ी (402) जैसे इलाकों में हवा बेहद जहरीली हो गई। आनंद विहार का AQI 360 पर दर्ज हुआ। यानी शहर के ज़्यादातर हिस्सों में सांस लेना भी मुश्किल हो गया है।
पर्यावरण एजेंसियों का कहना है कि यह स्तर ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी तक पहुंच चुका है, जिसमें संवेदनशील लोगों को बाहर निकलने से परहेज़ करने की सलाह दी जाती है।

पटाखों ने बिगाड़ी हवा, कोर्ट के आदेश रहे नाकाम
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में सिर्फ रात 8 से 10 बजे तक ‘हरित पटाखों’ की अनुमति दी थी, मगर ज़मीन पर तस्वीर कुछ और रही। रात भर आसमान आतिशबाज़ी से भर गया और हवा में जहर घुलता चला गया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के मुताबिक, दिल्ली में रात के बादले छटने से पहले ही हवा में पीएम 2.5 का स्तर कई गुना बढ़ गया।
बंगाल भी नहीं बचा काली पूजा की रात दमघोंटू
कोलकाता और हावड़ा की हवा भी काली पूजा की रात ज़हर बन गई। हावड़ा के बेलूर में AQI 364 और पद्मापुकुर में 361 दर्ज किया गया। कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल क्षेत्र में पीएम 2.5 स्तर 186 तक पहुंच गया। पर्यावरण विशेषज्ञों ने कहा कि देर रात तक तेज आवाज़ वाले पटाखों के इस्तेमाल से प्रदूषण और बढ़ा।
बाकी शहरों का हाल मुंबई से लखनऊ तक हवा खराब
दिल्ली और बंगाल ही नहीं, देश के अन्य बड़े शहर भी प्रदूषण की गिरफ्त में हैं। मुंबई (214), पटना (224), जयपुर (231) और लखनऊ (222) ‘खराब’ श्रेणी में पहुंचे। वहीं, बेंगलुरु (94) अभी “संतोषजनक” और चेन्नई (153) “मध्यम” स्थिति में हैं।
CAQM ने बढ़ाई सख्ती, लागू रहा GRAP का दूसरा चरण
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) पहले ही GRAP के दूसरे चरण को लागू कर चुका है। इस चरण में निर्माण कार्यों पर रोक, सड़क की सफाई और वाहनों की जांच जैसे सख्त कदम शामिल हैं।
पर्यावरण वैज्ञानिकों का कहना है कि दिवाली के बाद हवा में प्रदूषक कणों का स्तर कई गुना बढ़ गया है। अगर अगले कुछ दिनों में हवा की दिशा या गति में सुधार नहीं हुआ, तो यह स्थिति और भयावह हो सकती है।