जुबिली स्पेशल डेस्क
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर जारी खींचतान थमती नजर नहीं आ रही है। अब तक की जानकारी के मुताबिक, लालगंज, वैशाली, राजापाकर, बछवाड़ा, रोसरा, बिहार शरीफ और सिकंदरा — इन सात सीटों पर गठबंधन के घटक दल एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में उतर गए हैं।
पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन दूसरे चरण में सिकंदरा सीट पर नई सियासी टकराहट खुलकर सामने आई है। यहां कांग्रेस ने जहां विनोद चौधरी को अधिकृत उम्मीदवार बनाया है, वहीं आरजेडी की ओर से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने भी नामांकन दाखिल कर दिया है।
इसी तरह, लालगंज सीट पर कांग्रेस ने आदित्य कुमार राजा को टिकट दिया, लेकिन कुछ ही घंटों बाद आरजेडी ने शिवानी शुक्ला को प्रत्याशी बना दिया। बछवाड़ा में कांग्रेस और वामदलों के बीच विवाद है, जबकि राजापाकर और कहलgaon में भी दोनों दलों के बीच ‘फ्रेंडली फाइट’ की स्थिति बन गई है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस बार कांग्रेस अपने रुख में पहले से कहीं ज्यादा सख्त दिख रही है। पार्टी ने उन सीटों पर भी दावा किया है जो पहले परंपरागत रूप से आरजेडी के खाते में मानी जाती थीं। दूसरी ओर, आरजेडी अपनी सीटें कम करने को तैयार नहीं है, जिससे तालमेल बिगड़ गया है।
महागठबंधन में शामिल छोटे दलों जैसे वीआईपी और वामपंथी पार्टियों की सीटों की बढ़ी मांग ने समीकरण को और जटिल बना दिया है।
इस बीच, एनडीए सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर मैदान में उतर चुका है, जबकि महागठबंधन की अंदरूनी फूट उसकी एकजुटता और संगठनात्मक मजबूती पर सवाल खड़े कर रही है।