जुबिली स्पेशल डेस्क
अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के हालिया प्रयासों के तहत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा और इजराइल के बीच शांति स्थापना के लिए 20‑प्वाइंट का एक पैकेज पेश किया था, जिसके बाद अस्थायी युद्धविराम भी लागू हुआ।
लेकिन अब इसका पहला चरण कैदियों की अदला‑बदली और अन्य शर्तें , पानापींच का विषय बन गया है और हमास कुछ मुख्य शर्तों पर अड़ गया है, जिससे शांति प्रक्रिया संकट में दिख रही है।
मुख्य विवाद का केन्द्र बिंदु वह शर्त है जिसके मुताबिक हमास को अपने हथियार जमा कर गाजा का नागरिक नियंत्रण सौंपना होगा।
हमास के एक वरिष्ठ नेता ने रॉयटर्स को बताया कि समूह अस्थायी अवधि के दौरान गाजा में सुरक्षा बनाए रखना चाहता है और वह हथियार छोड़ने की कोई गारंटी नहीं दे सकता।
हमास के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य मोहम्मद नज्जाल ने कहा कि समूह पांच साल के लिए युद्धविराम पर विचार कर सकता है ताकि गाजा का पुनर्निर्माण किया जा सके, लेकिन हथियार छोड़ने का आश्वासन वे स्पष्ट रूप से नहीं दे रहे। नज्जाल ने यह भी कहा कि निरस्त्रीकरण की प्रक्रिया, हथियारों का किसे सुपुर्द किया जाएगा और अन्य सशस्त्र समूहों का मुद्दा फिलिस्तीनी समुदाय के व्यापक समाधान पर निर्भर है।
इजराइली सरकार ने नटकीय टिप्पणियों के साथ जवाब दिया और कहा है कि हमास को पहले चरण में सभी बंधकों को छोड़ना था तथा 20‑प्वाइंट योजना के अनुरूप हथियार जमा किए जाने चाहिए। इजराइल ने चेतावनी दी है कि यदि हमास ने शर्तों का पालन नहीं किया तो संघर्ष फिर से शुरू होने की संभावना बनी रहेगी।
नज्जाल ने यह भी बताया कि 7 अक्टूबर, 2023 के हमलों में पकड़े गए बंधकों के शवों के मुद्दे पर हमास ने अब तक 28 में से कम से कम 9 शव सौंपे हैं और शेष शवों की वापसी में तकनीकी अड़चनें आ रही हैं। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर अंतरराष्ट्रीय पार्टियां, जैसे तुर्की या अमेरिका — खोज और शवों की पहचान में मदद कर सकती हैं।
ट्रंप ने कहा है कि वे हमास को स्पष्ट कर चुके हैं कि हथियार रखे जाने पर उन्हें मजबूर किया जाएगा और यह दबाव ही अब शांति समझौते के आगे बढ़ने की राह में सबसे बड़ा परीक्षण बना हुआ है।