पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा (डुरंड लाइन) पर तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। कुर्रम जिले के गावी इलाके में दोनों देशों की सेनाओं के बीच देर रात भीषण मुठभेड़ हुई। छोटी फायरिंग से शुरू हुआ विवाद जल्द ही तोपखाने और रॉकेट हमलों तक जा पहुंचा।
सूत्रों के मुताबिक, झड़प तब शुरू हुई जब अफगान तालिबान बलों ने कई पाकिस्तानी चौकियों पर हमला किया। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना ने भी अफगान ठिकानों पर गोलाबारी की। रिपोर्ट्स के अनुसार, हेलमंद और कुनार प्रांत में 12 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, जबकि कुछ अफगान चौकियां भी नष्ट हो गईं।
तालिबान सरकार के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि उनकी सेनाओं ने कई पाकिस्तानी पोस्ट पर कब्जा कर लिया है। वहीं, पाकिस्तान ने कहा है कि उसने “आतंकी ठिकानों” को निशाना बनाते हुए जवाबी कार्रवाई की है।
इस बीच, कतर ने बढ़ते संघर्ष पर चिंता जताई है और दोनों देशों से संयम व संवाद की अपील की है। मंत्रालय ने चेतावनी दी कि यह हिंसा पूरे क्षेत्र की स्थिरता को प्रभावित कर सकती है।

तनाव की शुरुआत 9 अक्टूबर को हुई, जब पाकिस्तानी फाइटर जेट्स ने काबुल, खोस्त और जलालाबाद में हवाई हमले किए थे। दावा किया गया कि निशाना TTP के ठिकाने थे। तालिबान ने इसे “युद्ध की शुरुआत” करार देते हुए पाकिस्तान को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है।
सीमावर्ती गांवों में दहशत का माहौल है। गोलाबारी के चलते लोग पलायन कर रहे हैं। वहीं, इन घटनाओं के बीच तालिबान शासन के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी भारत दौरे पर हैं। उन्होंने कहा “अफगानों के साहस की परीक्षा मत लीजिए। अगर कोई ऐसा करना चाहता है, तो अमेरिका और नाटो से पूछ ले कि इसका अंजाम क्या होता है।”
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