नई दिल्ली। सरकार ने टोल पेमेंट को और डिजिटल बनाने के लिए एक नया नियम लागू करने की घोषणा की है। यह नियम टोल प्लाजा पर कैश पेमेंट को कम करने और डिजिटन पेमेंट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पेश किया गया है। इसके तहत, नेशनल हाईवे पर नॉन-FASTag वाहनों के लिए अलग-अलग चार्ज तय किए जाएंगे।
नया नियम
- कैश पेमेंट: यदि कोई वाहन चालक कैश से टोल भरता है तो उसे लागू टोल शुल्क का दोगुना देना होगा।
- डिजिटल पेमेंट (UPI आदि): यदि वही वाहन चालक UPI या किसी अन्य डिजिटल माध्यम से भुगतान करता है तो टोल शुल्क 1.25 गुना लिया जाएगा।
- फास्टैग उपयोगकर्ता: फास्टैग के माध्यम से टोल भरने वालों के लिए नियम में कोई बदलाव नहीं।
उदाहरण के लिए, अगर किसी वाहन का फास्टैग टोल शुल्क 100 रुपये है
- कैश भुगतान पर टोल 200 रुपये होगा।
- UPI या डिजिटल भुगतान पर टोल 125 रुपये होगा।
इसका मतलब है कि नॉन-FASTag वाहन चालक यूपीआई से भुगतान करने पर 75 रुपये की बचत कर सकते हैं।
प्रभाव और उद्देश्य
- जाम कम होगा: डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलने से टोल प्लाजा पर वाहनों की कतारें कम होंगी और यात्रा समय में सुधार होगा।
- पारदर्शिता बढ़ेगी: डिजिटल लेनदेन से टोल संग्रह में स्पष्टता आएगी।
- सुविधा और दक्षता: सरकार का उद्देश्य राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क पर तेज, सुचारू और पारदर्शी टोल कलेक्शन सुनिश्चित करना है।
नया नियम 15 नवंबर 2025 से प्रभावी होगा और इसे सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों और संग्रह का निर्धारण) (तीसरा संशोधन) नियम, 2025 के तहत नोटिफाई किया है।
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