जुबिली स्पेशल डेस्क
बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। चुनाव आयोग ने अब साफ संकेत दिए हैं कि 6 अक्टूबर के बाद कभी भी चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जा सकता है। इससे पहले आयोग 30 सितंबर को फाइनल वोटर लिस्ट जारी करने की तैयारी में है।
अधिकारियों के ट्रांसफर का सख्त आदेश
चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को लिखे पत्र में साफ कहा है कि तीन साल से एक ही जगह पर तैनात अधिकारियों का तुरंत तबादला किया जाए।
साथ ही यह भी तय कर दिया गया है कि कोई भी अधिकारी अपने गृह जिले में चुनाव ड्यूटी पर तैनात नहीं रहेगा। आयोग का मानना है कि लंबे समय से एक ही पद पर बने रहने से चुनाव प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है और निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो सकते हैं।
इसी वजह से आयोग ने आदेश दिया है कि 6 अक्टूबर तक ट्रांसफर की पूरी प्रक्रिया पूरी कर ली जाए और उसकी रिपोर्ट आयोग को भेजी जाए। माना जा रहा है कि इस कार्रवाई के बाद चुनाव तारीखों का एलान औपचारिक रूप से कर दिया जाएगा।
निष्पक्ष चुनाव पर फोकस
चुनाव आयोग हर बार चुनाव से पहले अधिकारियों के तबादले की प्रक्रिया अपनाता है। इसका मुख्य मकसद यह होता है कि मतदान के दौरान किसी भी तरह का दबाव, पक्षपात या प्रशासनिक हस्तक्षेप न दिखाई दे। इस बार भी आयोग पूरी सख्ती बरतते हुए चुनाव की निष्पक्षता पर जोर दे रहा है। बताया जा रहा है कि आयोग के शीर्ष अधिकारी जल्द ही बिहार का दौरा करेंगे और जमीनी स्तर पर चुनावी तैयारियों का जायजा लेंगे।
कितने चरणों में होंगे चुनाव?
बिहार विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल नवंबर तक पूरा हो रहा है। ऐसे में लगभग तय है कि चुनाव की प्रक्रिया नवंबर के पहले सप्ताह से ही शुरू हो जाएगी। हालांकि आधिकारिक तारीखें अभी सामने नहीं आई हैं, लेकिन राजनीतिक हलकों में यह चर्चा जोर पकड़ चुकी है कि चुनाव दो से तीन चरणों में कराए जा सकते हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव में तीन चरणों में मतदान कराया गया था। पहला चरण 28 अक्टूबर को हुआ था, दूसरा चरण 3 नवंबर को और तीसरा चरण 7 नवंबर को संपन्न हुआ था। इस बार भी संभावना जताई जा रही है कि आयोग कड़े सुरक्षा इंतजामों और चरणबद्ध तरीके से ही चुनाव कराएगा।
चुनावी माहौल गरमाया
चुनाव की तारीखों को लेकर बढ़ती अटकलों ने बिहार के राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी रणनीति पर काम तेज कर दिया है। 6 अक्टूबर के बाद जैसे ही आयोग की ओर से आधिकारिक ऐलान होगा, बिहार की सियासत पूरी तरह चुनावी मोड में आ जाएगी।