जुबिली स्पेशल डेस्क
नेपाल की राजनीति में जारी गतिरोध के बीच सुशीला कार्की को देश की अंतरिम सरकार की प्रमुख नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने शीतल निवास में उन्हें शपथ दिलाई। कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं और अब उन्हें देश की अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
गौरतलब है कि सुशीला कार्की को प्रधानमंत्री नहीं बल्कि “अंतरिम सरकार का अध्यक्ष” कहा जाएगा। यह व्यवस्था जनता द्वारा चुनी हुई सरकार नहीं है बल्कि देश की राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने के लिए बनाई गई अस्थायी शासन व्यवस्था है।

संवैधानिक प्रावधान के तहत नियुक्ति
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नेपाल के संविधान की धारा 61 के तहत राष्ट्रपति ने कार्की को अंतरिम सरकार की प्रमुख नियुक्त किया।
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चूंकि मौजूदा संसद भंग हो चुकी है और सुशीला कार्की किसी भी सदन की सदस्य नहीं हैं, इसलिए धारा 76 के तहत सरकार का गठन संभव नहीं था।
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अब अंतरिम व्यवस्था लागू रहेगी और सभी निर्णय सुशीला कार्की के नेतृत्व में होंगे।
6 महीने में होंगे नेपाल के चुनाव
नई व्यवस्था के अनुसार, अगले 6 महीनों के अंदर नेपाल में राष्ट्रीय चुनाव कराए जाएंगे। इसके बाद जनता जिस दल या गठबंधन को बहुमत देगी, वही नेपाल की स्थायी सरकार बनाएगा और प्रधानमंत्री देश का संवैधानिक प्रमुख होगा। तब तक सुशीला कार्की की अगुवाई में मिनी कैबिनेट बनेगी जिसमें विशेषज्ञ विभागों की जिम्मेदारी संभालेंगे।
नेपाल में राजनीतिक संकट और जन आंदोलन
नेपाल में हाल ही में जेन जेड आंदोलन, भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध जैसे मुद्दों को लेकर बड़ा जनविरोध देखा गया। हालात बिगड़ने पर पूर्व प्रधानमंत्री केपी ओली को इस्तीफा देना पड़ा और संसद भंग करनी पड़ी। इस पृष्ठभूमि में सुशीला कार्की की नियुक्ति को नेपाल में राजनीतिक स्थिरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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