जुबिली न्यूज डेस्क
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। विश्व के कई बड़े नेताओं, जिनमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल हैं, ने शांति बहाल करने की कोशिश की, लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। इस बीच रूस की ओर से बड़ा बयान सामने आया है।
क्रेमलिन का सख्त रुख
एपी की रिपोर्ट के मुताबिक़, क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने शुक्रवार (5 सितंबर) को कहा,“क्या विदेशी, खासकर यूरोपीय और अमेरिकी सैन्य टुकड़ियां यूक्रेन को सुरक्षा और गारंटी दे सकती हैं? बिल्कुल नहीं, वे नहीं दे सकते।”रूस का कहना है कि नाटो का विस्तार और पश्चिमी देशों का हस्तक्षेप ही मौजूदा संघर्ष की मुख्य वजह है।
यूक्रेन को भारी नुकसान
युद्ध की वजह से यूक्रेन को बड़ा आर्थिक और सामाजिक नुकसान झेलना पड़ा है।
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सैकड़ों लोगों की जान गई है।
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बुनियादी ढांचे को भारी क्षति पहुंची है।
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यूक्रेन ने भी रूस पर कई बार मिसाइल और ड्रोन अटैक कर जवाब दिया है।
पश्चिमी देशों की कोशिशें
वहीं दूसरी ओर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि“आज 26 देशों ने यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने की पेशकश की है। यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में देशों ने ठोस कदम उठाने की बात कही है। सैनिकों की तैनाती किसी भी तरह के आक्रमण को रोकने के लिए होगी।”
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कूटनीतिक प्रयास बनाम युद्ध की हकीकत
एक तरफ पश्चिमी देश सुरक्षा गारंटी और कूटनीतिक प्रयासों की बात कर रहे हैं, वहीं रूस स्पष्ट कर चुका है कि वह ऐसी किसी भी गारंटी को मान्यता नहीं देगा। ऐसे में युद्ध के जल्द थमने की संभावना अभी भी धुंधली नजर आ रही है।