जुबिली स्पेशल डेस्क
जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, सियासी पारा लगातार चढ़ता जा रहा है। राजनीतिक दल मतदाताओं को लुभाने के लिए हर संभव कोशिश में जुटे हैं।
इस बीच सबसे ज्यादा चर्चा कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव की अगुवाई में चल रही ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की हो रही है।
राहुल गांधी इस यात्रा के जरिए जनता को यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद बड़े पैमाने पर वोटरों के नाम काटे गए हैं और यह सीधा-सीधा “वोट चोरी” का मामला है। कांग्रेस और राजद इसे जोर-शोर से मुद्दा बना रहे हैं।
राहुल बनाम मोदी: आरोप और जवाबी हमला
राहुल गांधी आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र की भाजपा सरकार धीरे-धीरे नागरिकों के अधिकार छीन रही है—पहले वोट, फिर राशन कार्ड और उसके बाद जमीन तक पर कब्जा। उनका कहना है कि यह पूरा षड्यंत्र गरीब, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यकों की आवाज दबाने के लिए रचा गया है।
यहां दिलचस्प बात यह है कि राहुल गांधी अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी शैली को ही हथियार बनाकर हमला कर रहे हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार में मोदी ने मतदाताओं को चेताते हुए कहा था कि कांग्रेस अगर सत्ता में आई तो वह आपकी “भैंस” और महिलाओं का “मंगलसूत्र” तक छीन लेगी। अब उसी बयान को राहुल और उनकी बहन प्रियंका गांधी बिहार की जनता के सामने पलटवार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।
प्रियंका गांधी का वार
सुपौल में यात्रा में शामिल हुईं प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा “लोकसभा चुनाव में कहा जा रहा था कि कांग्रेस आपकी भैंस चुरा लेगी।
लेकिन असलियत यह है कि ये खुद आपका वोट चुरा रहे हैं। इन्होंने रोजगार छीना, आपके उद्योग छीने, और अब वोट भी चुराना चाहते हैं। आप अपने अधिकार और पहचान की चोरी मत होने दीजिए।”
राहुल गांधी के सीधे आरोप : राहुल गांधी ने यात्रा के दौरान कहा
- “बीजेपी और चुनाव आयोग बिहार में वोट चोरी की साजिश कर रहे हैं।”
- “कर्नाटक में हमने सबूत दिखाया है और आने वाले समय में लोकसभा और अन्य राज्यों से भी इसका प्रमाण देंगे।”
- “बाबा साहेब का संविधान भाजपा-आरएसएस को कभी मंजूर नहीं रहा, इसलिए वे दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के अधिकार छीनना चाहते हैं।”
- उनका दावा है कि बिहार में जिन 65 लाख वोटरों के नाम सूची से काटे गए हैं, उनमें अधिकांश गरीब, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय से हैं। “अमीरों का नाम नहीं कटा, क्योंकि बीजेपी उनकी राजनीति करती है,” राहुल ने कहा।
स्पष्ट है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी अपनी यात्रा के जरिए बिहार चुनाव को पूरी तरह “वोट चोरी” बनाम “वोट बचाओ” की लड़ाई के तौर पर पेश करने में जुटे हैं। दूसरी ओर भाजपा इसे विपक्ष का भ्रम फैलाने वाला अभियान बता रही है। जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आएगी, यह मुद्दा और तेज होता दिखाई देगा।